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बाबा साहेब ने कहा कि स्वतंत्रता,समानता और भाईचारा सिखाने वाला ही असली धर्म है-जिलाध्यक्ष

गाज़ीपुर। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की 130 वीं जयंती के उपलक्ष्य में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा स्थानीय लंका स्थित अंबेडकर पार्क में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सिटी रेलवे स्टेशन स्थित कार्यालय पर कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए एक गोष्ठी कर मनाया गया, जिसमें वक्ताओं ने बाबा साहेब के विचार साझा कर उन्हें याद किया और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील राम ने कहा कि भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर जी की जयंती कांग्रेस स्वाभिमान दिवस के रूप में मना रही है । उनके विचारों को साझा करते हुए कहा कि बाबा साहेब स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे और उनका कहना था कि “मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।” और यही कांग्रेस की भी विचारधारा है, पीड़ित मानवता की सेवा।
वहीं उन्होंने कहा था कि “यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।” उन्होंने जाति प्रथा का पूर्ण रूप से उन्मूलन कर इंसानियत की नींव रखी। उन्होंने कहा कि उनमें गांधी का सपना और महात्मा बुद्ध की करुणा दोनों थी, जिलाध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहब न सिर्फ संविधान निर्माता हैं बल्कि वैश्विक समाज को भी उनके विचारों ने एक नई दिशा दी है, जिससे विश्व पटल के साथ भारत में भी सामाजिक चेतना का जन जागरण हुआ है। जिलाध्यक्ष ने लोगो से तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण से बचाव की भी अपील की।

इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष राजेश गुप्ता ने उन्हें महान चिंतक बताते हुए कहा कि बाबा साहेब ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की चतुर्वण प्रणाली और भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिता दिया। उन्हें 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। बाबासाहेब का जीवन सचमुच संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। जीवन भर वह दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते रहे। साथ ही उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से लाल साहब यादव ,सन्टु जैदी, अजय कुमार श्रीवास्तव, चंद्रिका सिंह, शबीहूल हसन, आशुतोष गुप्ता ,रोहित खरवार ,उषा चतुर्वेदी ,राघवेंद्र , संजय राय ,मुकेश राम, विद्याधर पांडे ,रुद्रेश निगम, अदालत यादव ,गुरदास यादव ,विपुल विनायक, अछयबर बिन्द, जितेंद्र बिंद, शंभू कनौजिया, महेंद्र राम, हामिद अंसारी आदि लोग उपस्थित थे ।