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जीवन का मार्ग संघर्षों की उबड़- खाबड़ पगडंडियां – भागवताचार्य चंद्रेश जी महाराज

जमानियां ⁄ मतसा। क्षेत्र के सब्बलपुर गांव स्थित राधा–माधव ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया गया । जिसमें भगवताचार्य ने जीवन के संघर्ष के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
कथा वाचन करते हुए भागवताचार्य चंद्रेश महाराज ने कहा कि संसार में रहते हुए मनुष्य को कभी सुख तो कभी दुख जैसी अनुभूति से रूबरू होना ही पड़ता है। किसी के जीवन में केवल सुख ही सुख हो ऐसा सम्भव नहीं है और इसके उलट केवल दुख ही दुख मिले यह भी अव्यावहारिक है। संसार सागर को पार करते समय प्रत्येक व्यक्ति को अनेक विघ्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है। जीवन का मार्ग संघर्षों की उबड़- खाबड़ पगडंडियों से होकर गुजरता है। जीवन में हर कदम पर संघर्ष करना पड़ता है। संघर्ष से भयभीत होने वाला व्यक्ति विजय से पहले ही पराजय स्वीकार कर लेता है। लेकिन प्रभु विश्वासी और भगवान के प्रति समर्पित व्यक्ति इन द्वन्द्वात्मक संघर्षों से विचलित नहीं होता अपितु इन कठिनाइयों में भी उन्हें गति और आनंद के स्वर प्रेरणा देते हुए महसूस होते हैं। जगत में रहते हैं तो हमारी इंद्रियां विषयों से सर्वथा विरक्त रह सकें यह संभव नहीं। भगवान और उनके भक्तों की कथा में यही मार्गदर्शन हमें प्राप्त होता है और इसलिए समय-समय पर भगवान के अवतार काल एवं परिस्थिति के अनुसार होते रहते हैं। इस अवसर पर राजकुमार राय‚ गंगा यादव‚ विनोद श्रीवास्तव‚ डॉ अरविन्द‚ बुच्चा यादव‚ संजय राय‚ ऋषि राय आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।