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चैती डाला छठ पर्व-अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अ‌र्घ्य

जमानिया। नगर के बलुआ घाट में रविवार को चैती डाला छठ का पर्व कोरोना महामारी के बीच मनाया गया। वहीं नवरात्रि के बीच पडने के बावजूद इस बार छठ में श्रद्धालुओं की भीड़ कम दिखाई दी। दूर दराज से आये श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर ईख गाड़ कर सूर्य देव का पूजन किया।

रविवार की सुबह से ही दूर दराज से आये श्रद्धालुओं नगर के बलुआ घाट पर लगने लगी। पहले तो श्रद्धालुओं ने बेदी बना कर सूर्यास्त का इंतराज करती रहे और गंगा में डुबकी लगा कर व्रती महिलाओं ने अस्त होते सूर्य की उपासना की। छठ पर्व के तहत शनिवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य और सोमवार को उगते सूर्य को व्रतधारी और रिश्तेदार व मेहमान अर्घ्य देते है और प्रसाद ग्रहण कर व्रत का समापन गंगा घाट पर ही किया जाता है।उसके बाद चावल, घीया की सब्जी, चने की दाल और रोटी का भोजन ग्रहण किया जाता है। संध्या प्रहर में फिर इसी तरह से भोजन बना कर ग्रहण करना करना होता है। रविवार को पहला अर्घ्य दिया गया और स्नान कर शाम को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है । रात को दीप कलश आदि के पास बैठकर व्रती महिलाओं ने पूजा किया। इसके बाद भगवत भजन और भगवान का चिंतन और पूजन करती है। सोमवार को श्रद्धालु प्रात: काल उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस पूजा में लगातार ३६ घंटे निर्जला व्रत रखा जाता है। यह व्रत बच्चो की सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस अवसर पर ममता देवी, निर्मला देवी, गीता देवी, कंचन, गीता देवी,जयंती वर्मा‚ वैकलेश्वर जायसवाल‚ राकेश‚ दिलीप वर्मा आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।