गाजीपुर। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह गाजीपुर ने बताया कि देखा जा रहा है कि जिला अस्पताल गाजीपुर में इमर्जेन्सी वार्ड तथा नान कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों द्वारा फोन किया जाता है कि उनके मरीज की स्थिति गम्भीर है तथा आक्सीजन लेवल कम हो रहा है किन्तु वार्ड में तैनात चिकित्सक द्वारा यह बताया जाता है कि आक्सीजन की उपलब्धता नहीं है।
जब आक्सीजन की आपूर्ति होगी तो मरीज को आक्सीजन लगाया
जायेगा। यह बात लगातार 03 दिनों से सुनने को आ रही है। इस तथ्य की जब-जब मैने जॉच करायी, तब तब पाया गया कि चिकित्सक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से इस सम्बन्ध में कोई डिमाण्ड नहीं किया गया और स्वतः अपनी इच्छानुसार यह प्रसारित करा दिया गया कि वार्ड में आक्सीजन उपलब्ध नहीं है। यह नितान्त आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है, जिससे न केवल जनपद की छवि धूमिल होती है, बल्कि समाज में भय व्याप्त होता है। अतः जिला चिकित्सालय में तैनात सभी चिकित्सकों से अपेक्षा की जाती है कि कृपया किसी भी मरीज के परिजनों से आक्सीजन या अन्य जीवन रक्षक दवाओं के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक या मुख्य चिकित्साधिकारी से जानकारी प्राप्त किये बिना अनर्गल बयान न दें, बल्कि मरीज के परिजन को सहानुभूतिपूर्वक समझायें। यदि किसी मरीज के लिए आक्सीजन की आवश्यकता है तो तत्काल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को डिमाण्ड प्रेषित किया जाय और इस स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल सम्बधित वार्ड / सम्बन्धित चिकित्सक को आक्सीजन उपलब्ध कराये। यह आगाह किया जाता है कि भविष्य में यदि इस प्रकार का विन्दु संज्ञान में आता है तो सम्बन्धित के विरुद्ध उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जायेगी तथा सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित भी करायी जा सकती है