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भगवान बुद्ध की प्रतिमा रखने को लेकर हुआ विवाद

जमानियां। कोतवाली क्षेत्र सतुआनी घाट के पास बुधवार की दोपहर करीब 2 बजे भगवान बुद्ध की प्रतिमा रखने को लेकर विवाद हो गया। जिसकी सूचना को तहसीलदार सहित कोतवाल मौके पर पहुंचे और मामला शांत कराया।

एक पक्ष वीरेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जमीन उन के काश्तकारी की है और वे अपने जमीन में कुछ भी रख सकते है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और मौके पर वे दस्तावेजों के साथ पहुंचे गये। वही दूसरा पक्ष शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता एवं अन्य आस पास के लोगों का कहना है कि नगर के सतुआनी घाट के पास एक पीपल के पेड़ के नीचे कुछ लोगों द्वारा जान बुझ कर सरकारी बंजर जमीन पर भगवान बुद्ध की मूर्ति बार बार रखी जा रही है जो नियम संगत नहीं है। इस जगह पर कभी भी कोई मूर्ति नहीं थी और मूर्ति रख कर जबरदस्ती विवाद पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। घाट के पास यह शिव मंदिर वर्षो पुराना है और सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है। परिसर के आस पास  नगर पालिका द्वारा इंटरलॉकिंग बिछाई गई है और सामुदायिक शौचालय भी बनाया गया है। घटना की सूचना जब पुलिस और तहसील के अधिकारी को हुई तो अधिकारी मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों को समझाया बुझाया लेकिन दोनों पक्ष अपनी बातों में अड़े रहे। जिस पर तहसीलदार घनश्याम ने लेखपालों को नक्शा आदि के साथ बुलाया और जमीन की नापी करा दी। इस संबंध में तहसीलदार घनश्याम ने बताया कि जिस जगह पर पीपल के पेड़ के नीचे मूर्ति रखी गयी है वह सरकारी बंजर भूमि है। नापी के बाद मूर्ति हटवाने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने बताया कि विवाद पुराना है। यदि मूर्ति नहीं हटाई जाती है तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।