Skip to content

कोरोना की मार, आर्थिक स्थिति हुई बहुत प्रभावित!

कोरोना काल में बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती बन गई है। बेरोजगारी दर अपने चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। कुछ आंकड़ों के अनुसार ऐसा अनुमान लगाया गया था कि मई अंत तक बेरोजगारी दर 12 प्रतिशत हो जाएगी। जबकि अप्रैल में यह 8प्रतिशत थी।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी ,सीएमआईई की माने तो कोरोना के द्वितीय स्ट्रेन में एक करोड़ से भी ज्यादा देशवासी बेरोजगार हुए हैं। सीएमआईई रिपोर्ट के मुताबिक इस बार बेरोजगारी की मार सबसे अधिक शहरी इलाकों पर हुई है।

जहां ग्रामीण बेरोजगारी दर 10.63 प्रतिशत की है वही शहरी बेरोजगारी दर 14.73 प्रतिशत है। सूत्रों का कहना है कि कोरोना के चलते हुए इस डिसबैलेंस को मेंटेन होने में काफी टाइम लग सकता है ।