दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 594 डॉक्टरों ने अपनी जान गवाई। 54 दिनों के बाद देश में कोरोना के मामलों में सबसे कम 1.25 लाख केस दर्ज किए गए हैं। कोरोना के कारण होने वाली मौतों से सरकार अभी भी चिंतित है। मौत के आंकड़ों को देखते हुए स्थिति अभी तक चिंताजनक है। कोरोना की रिकवरी रेट बढ़ने से और संक्रमण के मामले कम होने से कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्यों में कोरोना की पाबंदियों में छूट दी जा रही है।
कोरोना के खतरे के कारण ही 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का सरकार कल फैसला ले चुकी है। सरकार का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य उनके लिए सर्वोपरि है। बहुत से राज्यों में वैक्सीन की कमी से 18+ वाले टीकाकरण को बंद कर दिया गया है। महाराष्ट्र, उत्तराखंड, यूपी, समेत कई राज्यों में 18 साल से कम उम्र वाले बच्चे हजार से ज्यादा संक्रमित आए हैं। दूसरी लहर के दौरान बहुत से डॉक्टरों ने अपनी जान गवाई है। सभी डॉक्टरों ने अपनी जान ड्यूटी से दौरान ही गवाही है। डॉक्टरों के मौत का आंकड़ा सबसे ज्यादा दिल्ली में है।