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यदि चीन का सामना करना है तो ,सैन्य क्षमताओं को बढ़ाना होगा , रक्षा मंत्रालय का बड़ा ऐलान!

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के हवाले से आई बड़ी खबर! जी हां चीन की बढ़ती सैन्य क्षमताओं को देखते हुए, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए लगभग 43,000 करोड़ रुपयों की मदद से 6 पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण का निर्देश जारी कर दिया है। और अच्छी बात यह है कि सभी पनडुब्बियों का निर्माण स्वदेश में होगा। इस निर्देश को भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पनडुब्बियां उस रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत बनाई जाएंगी जो घरेलू रक्षा संसाधन निर्माताओं को विदेशों की रक्षा निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के साथ साझेदारी में अत्याधुनिक सैन्य मंच बनाने की अनुमति देता है ताकि एक्सपोर्ट वैल्यू पर निर्भरता घटाई जा सके। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में P-75 इंडिया नाम कि इस परियोजना को ग्रीन सिग्नल दे दिया गया है। रिपोर्ट की मानें तो यह परियोजना 12 वर्ष के अंदर परिपूर्ण हो जाएगी।

रक्षा मंत्रालय और नौसेना के अलग-अलग दल इस परियोजना की आरपीएफ जारी करने के लिए जरूरी सभी जरूरतों और पनडुब्बियों की खूबियों समेत सभी जमीनी काम पूरे कर चुके हैं। भारतीय नौसेना की अपनी युद्धक क्षमता को बढ़ाने के लिए परमाणु हमला करने में सक्षम छह पनडुब्बियों समेत 24 नई पनडुब्बियों को खरीदने की योजना है। बहरहाल उसके पास 15 परंपरागत पनडुब्बी और दो परमाणु पनडुब्बीयां हैं।

चीन के अपने सैन्प क्षमता को लेकर सजगता को मद्देनजर नजर रखते हुए नौसेना अपनी सभी क्षमताओं को बढ़ाने में संपूर्ण एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है। सूत्रों के मुताबिक चीन की नौसेना के पास अभी तक 50 पनडुब्बी और लगभग 350 पोत हैं। अगले आठ से दस साल में उसके पास 500 से अधिक पोत तथा पनडुब्बियां होने का अनुमान लगाया जा रहा है । इसके साथ ही पाकिस्तान ने भी चीन की मदद से युआन क्लास की डीजल से चलने वाली आठ पनडुब्बियां हासिल करने की प्रक्रिया जारी कर दी है।