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बंद हुआ बाबा का ढाबा! चिंते में परिवार

नई दिल्ली। रेस्टोरेंट ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक कान्ता प्रसाद का नया रेस्टोरेंट बड़े नुकसान के बाद बंद हो चुका है। अब उनके पास केवल ही केवल एक ऑप्शन है कि वे अपने पुराने ढाबे पर वापस लौट जाए। उन्होंने किया भी ठीक ऐसा ही ,वे अपने पुराने ढाबे पर वापस लौट आए है और खाना बेच रहे हैं।
रातों-रात चर्चा में आए थे कांता प्रसाद!
दरअसल पिछले साल यूट्यूबर गौरव वासन द्वारा एक वीडियो शेयर किया गया था, वो वीडियो बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद और बादामी देवी का था. इसके बाद मानो उनकी किस्मत का तारा ही चमक गया ,उनकी किस्मत ही बदल गई ! ढाबे पर खाने वालों की लाइन लग गई थी. इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग उनकी मदद के लिए भी सामने आए थे।

आर्थिक मदद मिलने के बाद कांता प्रसाद ने ढाबा बंद करके दिल्ली के मालवीय नगर में अपना एक रेस्टोरेंट खोल लिया। नए रेस्टोरेंट में बाबा ने एक कुक और एक वेटर रखा था। सुरक्षा की दृष्टि से रेस्टोरेंट में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे।

बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद का नया रेस्टोरेंट भारी नुकसान के बाद फरवरी में बंद हो गया है. रेस्टोरेंट को खोलने के लिए कांता प्रसाद ने करीब 5 लाख खर्च किए थे।वहीं रेस्टोरेंट का मासिक खर्च लगभग 1 लाख रुपये था, जबकि औसत मासिक बिक्री कभी 40,000 रुपये से अधिक नहीं हुई।कांता प्रसाद के खर्चे में 35000 रुपये रेस्टोरेंट का किराया, 36000 रुपये तीन कर्मचारियों की सैलरी और 15 हजार रुपये राशन, बिजली और पानी के लिए शामिल थे। रेस्टोरेंट पर धीरे-धीरे ग्राहकों का आना कम होता गया और रेस्टोरेंट का खर्चा बढ़ता चला गया । अंत में परिणाम यह हुआ कि कान्ता प्रसाद को अपना रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा।

अब परिवार का खर्च तक चलाना मुश्किल हो गया है।कांता प्रसाद ने कहा, ‘दिल्ली में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से 17 दिनों के लिए पुराने ढाबे को बंद करना पड़ा। इस कारण बिक्री प्रभावित हुई और लॉकडाउन से पहले जहां दैनिक बिक्री 3500 रुपये होती थी, वो अब घटकर अब 1000 रुपये हो गई है. जो कि हमारे परिवार के गुजारे के लिए तनिक भी पर्याप्त नहीं है।