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रेड जोन में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स!

नई दिल्ली। दिल्‍ली सहित NCR के कई शहरों में कोरोना मरीजों की संख्‍या में रोजाना कमी देखने को मिल रही है।दिल्‍ली में साढ़े तीन सौ के लगभग रोजाना आ रहे मामलों के साथ ही मृत्यु दर में भी गिरावट देखने को मिल रहा है। कोरोना से मिल रही इस राहत से बीच प्रदूषण फिर से समस्‍या बन गया है।. लॉक डाउन खुलने के बाद एक बार फिर इस इलाके में प्रदूषण स्‍तर बढ़ने लगा है। दिल्‍ली के अलावा NCR के कई शहरों में प्रदूषण स्‍तर बेहद ही बुरी श्रेणी में पहुंच चुका है।

बात करें दिल्ली की,तो यहां वायु प्रदूषण निचले स्तर में पहुंच गया है।सेंट्रल पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड ,CPCB के आंकड़े देखें तो आज दिल्‍ली में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 231 है। वहीं नोएडा में AQI 257 तक पहुंच चुका है। फरीदाबाद का AQI 245, गाजियाबाद में 210 के साथ ही ग्रेटर नोएडा में 236 और मेरठ में 218 AQI के साथ प्रदूषण स्‍तर खराब केटेगरी में है ।ऐसे में यहां के लोगों को कोई भी बाहरी गतिविधि न करने की सलाह दी जा रही है। CPCB की ओर से बताया गया है कि इस प्रदूषण स्‍तर में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।इसके साथ ही अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याएं भी हो सकती हैं लिहाजा सांस और फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे लोग घर पर ही रहे, तो ज्यादा बेहतर होगा।

CPCB के अनुसार दिल्‍ली NCR के बागपत और सोनीपत का हाल सबसे अधिक बेहाल है।यहां हवा की गुणवत्‍ता बहुत खराब श्रेणी में आ गई है।जहां बागपत में AQI ,314 है वहीं सोनीपत में 354 तक पहुंच गया है।ऐसे में इन दोनों शहरों में लोगों में स्वांस संबंधी बीमारियां होने की आशंका जताई गई है. साथ ही लोगों को घरों के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है।

NCR के गुरुग्राम की स्थिति ठीक है।यहां आज का एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 188 है। जो इसे मॉडरेट कैटेगरी में रखता है। हालांकि फेफडों अथवा सांस संबंधी बीमारियों से घिरे लोगों के लिए ऐसी हवा में सांस लेना थोड़ी परेशानी पैदा कर सकता है लेकिन फिर भी यहां की हवा दिल्‍ली और अन्‍य शहरों से तो बेहतर ही है।