केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसकी रणनीति तैयार कर चुके है।जिसका असर जल्दी ही होने वाले यूपी और केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में देखने को मिल सकता है। पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगी अपना दल और लोकसभा चुनाव के सहयोगी निषाद पार्टी को सरकार में जगह दे सकता है।
बीजेपी ने अनुप्रिया पटेल की अगुआई वाले अपना दल के साथ साल 2017 में गठबंधन किया था। खास तौर पर पिछड़ों की यूपी में एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाली कुर्मी बिरादरी में अपना अस्तित्व रखने वाले अपना दल ने 2017 में 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और नौ सीटों के साथ जीत का परचम लहराया। अपना दल के जय कुमार सिंह कारागार राज्यमंत्री हैं। पिछली बार की मोदी सरकार में अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया था, पर इस बार उन्हें कट कर दिया गया। दो दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात में अनुप्रिया पटेल अपनी मंशा जाहिर कर चुकी है।
अपना दल को केंद्र-राज्य में रिप्रेजेंटेशन-
रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र में उन्हें इस बार स्थान मिल सकता है, बहरहाल उत्तर प्रदेश में होने वाले विस्तार में आठ महीने के लिए मंत्री बनने के अटकले सामने आ रहे हैं । अपना दल से एमएलसी आशीष पटेल की दावेदारी यूपी के लिए मजबूत है। अपना दल ने पंचायत चुनावों में भी पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया है, इससे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भी बीजेपी को काफी मदद मिल सकती है।
दूसरी ओर निषाद पार्टी के डॉ.संजय निषाद ने भी यूपी में खुद को और केंद्र में संतकबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद को मंत्री बनाने की साझेदारी की है। निषाद बिरादरी भी पूर्वांचल के 20 जिलों में अपना कुछ अस्तित्व रखती है। इसी निषाद पार्टी ने गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी की छोड़ी हुई लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी को बीट किया था। उस वक्त सपा के साथ रहे प्रवीण निषाद बीजेपी को हराकर सांसद बने थे। प्रवीण के पिता संजय निषाद भी अमित शाह जी से मंत्री बनाने की बात का जिक्र कर चुके हैं।