एम्स ने लिया बड़ा फैसला, 6 से 12 साल के बच्चों का भी जल्द ही होगा टीकाकरण। 6से 12 साल के बच्चों में नैदानिक परीक्षण के लिए मंगलवार के दिन एम्स में नामांकन शुरू किया जाएगा. इसके बाद 2 से 6 साल के बच्चों पर भी नैदानिक परीक्षण किया जाएगा. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 12से18 आयुवर्ग के स्वयंसेवकों के नामांकन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और उन्हें कोवैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है।
एम्स में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर, डॉ. संजय राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘छह से 12 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होगी.’ भारत को औषधि महानियंत्रक ने 12 मई को 2से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों में भारत बायोटेक के को-वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी दे दी थी।
यह परीक्षण तीन हिस्सों में होगा और इसके अंतर्गत 12से18, 6से12 और 2से6 साल आयुवर्ग के 175-175 स्वयंसेवकों के तीन समूह बनाए जाएंगे। परीक्षण के दौरान टीके की दो खुराक मांसपेशियों में दी जाएंगी, जिनमें से दूसरी खुराक पहली खुराक लगने के 28 दिन के बाद दी जाएगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेश में कोवैक्सीन का निर्माण किया गया है और यह फिलहाल देश भर में चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान वयस्कों को दी जा रही है।
नैदानिक परीक्षण बच्चों में टीके की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा। सरकार ने हाल ही में चेताया था कि कोविड-19 ने भले ही अब तक बच्चों में गंभीर रूप से प्रतिक्रिया ना दिखाई हो, लेकिन वायरस के व्यवहार या महामारी विज्ञान की गतिशीलता में अगर बदलाव हुआ तो बच्चों में इसका प्रभाव बढ़ सकता है। साथ ही यह भी बताया था कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी परिपूर्ण होने बहुत आवश्यक है ।