उत्तर प्रदेश। एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल शुरू हो चुकी है।
आज समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी के सभी विधायकों ने मुलाकात कर आगामी विधानसभा चुनाव पर काफी लंबी वार्तालाप की । सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी के दमदार विधायकों को समाजवादी पार्टी निरंतर सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और आंकड़ों की माने तो बहुत जल्द समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव जी सभी बागी विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराकर आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ा सकते हैं।
अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव के लिए पहले बहुजन समाज पार्टी के दरवाजे पर दस्तक देने की कोशिश की थी। उस दौरान बसपा के 7 विधायकों को पार्टी से निष्कासित भी किया गया था और हाल ही में बसपा ने अपने दो वरिष्ठ विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
इन हालातों के बीच ही अटकलों का बाजार भी बेहद गर्म है, यूपी की सियासत में दमदार हलचल मची हुई है। बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी पूरी तरह से टूटने की कगार पर है और चर्चा यह भी है कि सभी बागी विधायक बहुत जल्द सपा का दामन थाम कर आगामी विधानसभा चुनाव सपा के बैनर तले लड़ेंगे। वहीं दूसरी ओर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का कहना है कि सभी बागी विधायकों के आने से समाजवादी पार्टी सबल होगी और सब के सहयोग से मिशन 2022 को पूरा किया जाएगा, तब जाकर समाजवादी पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत से बलशाली रूपांतरित बनेगी।
पिछले वर्ष राज्यसभा चुनाव के दौरान ही बहुजन समाज पार्टी बहुत बड़ी सुनामी आई थी । बसपा से बगावत कर सात विधायक सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए थे। उस दौरान श्रावस्ती के विधायक असलम राईनी ने अहम भूमिका निभाई थी और सभी 7 विधायकों के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। उस वक्त मायावती ने बड़ा एक्शन लिया था और राज्यसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले सात विधायकों को निलंबित कर दिया था। इन विधायकों में असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-प्रयागराज), हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), असलम अली चौधरी (धौलाना-हापुड़), सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर) शामिल हैं।