गाजीपुर। स्थानीय राजकीय महिला महाविद्यालय एवं उपनिषद् मिशन ट्रस्ट द्वारा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 28 अक्टूबर को होगा।
प्राचार्य डॉ सविता भारद्वाज ने बताया कि डॉ उमाशंकर तिवारी हिन्दी नवगीत के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। इन्होंने हिंदी नवगीत को रचने के साथ उसे स्थापित करने करने के लिए महत्त्वपूर्ण प्रयास किया है। वह नवगीत दशक के संपादक मंडल में रहें हैं। उन्होंने नवगीत कम लिखा है लेकिन मुकम्मल लिखा है। उत्कृष्ट ता से समझौता करना उन्हें कतई मंजूर नहीं था। 28 अक्टूबर को उनकी पुण्यतिथि है। इस उपलक्ष्य में उक्त तिथि को राजकीय महिला महाविद्यालय गाजीपुर एवं उपनिषद् मिशन ट्रस्ट द्वारा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर हिन्दी साहित्य समालोचना और नवगीत के क्षेत्र से महत्वपूर्ण साहित्यकार शिरकत करेंगे। अभी तक प्रोफेसर अवधेश प्रधान, नवगीतकार गुलाब सिंह, प्रोफेसर प्रभाकर सिंह, प्रो वशिष्ठ अनूप, नवगीतकार गणेश गंभीर, नवगीतकार ओम धीरज एवं कमलेश राय आदि की सहमति प्राप्त हुई है. इस संगोष्ठी में शोधार्थी और विद्वान् साहित्यानुरागियों से दिनांक 27/10/2021 तकशोधपत्र आमंत्रित किए गए हैं। जिसे ISBN के साथ एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। आगे डॉ भारद्वाज ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु विभिन्न समितियों का गठन कर दिया गया है। जिसमें आयोजन सचिव के दायित्व का निर्वहन डॉ निरंजन कुमार यादव एवं डॉ शिखा तिवारी संयुक्त रूप से करेगें। मीडिया प्रबंधन एवं प्रचार प्रसार समिति हेतु डॉ शिवकुमार जी को नियुक्त किया गया है । कार्यक्रम के विविध संयोजन हेतु डॉ दीप्ति सिंह, डॉ उमाशंकर प्रसाद, डॉ विकास सिंह, डॉ संतन कुमार राम, डॉ अखलाक खान, श्रीमती नेहा कुमारी, डॉ शिखा सिंह को उत्तरदायित्व दिया गया है। इस कार्यक्रम के समन्वयक श्री माधव कृष्ण हैं। इस अवसर पर डॉ शिखा तिवारी एवं श्री माधव कृष्ण द्वारा संपादित पुस्तक हिमशिला की देह थे घटते रहे का विमोचन भी किया जायेगा। यह पुस्तक डॉ उमाशंकर तिवारी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को जानने का एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है।
अपने शहर के लेखक को याद करने का यह अनूठा उपक्रम है। जिसमें लेखक के जीवन औ र रचना कर्म पर बात चीत होगी।