जमानियाँ। स्थानीय नगर सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को गोवर्धन पूजा हर्षोउल्लास के मनाया गया।
भाइयों के प्रति बहनों का प्रेम, विश्वास का पर्व दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष के द्वितीया को मनाया जाता है। इस पर्व को गोवर्धन पूजा, भाईया दूज व अन्नकूट पूजा के नाम से जाना जाता है।
बहने भाईयों की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना की तथा गाय के गोबर से गोधन बनाकर चना (बजरी), चूरा, मिठाई, भटकटईया व गूम चढ़ाकर पूजा अर्चना की तथा मुसर से गोधन की कुटाई की। तत्पश्चयात बजरी को भईयो को खिलाया। मान्यता है कि बजरी खा लेने पर भाई का शरीर ब्रज का हो जाता है।