गाजीपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में सोमवार को आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान केन्द्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कारागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर की पूर्णकालिक सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, द्वारा विधिक सेवा सप्ताह के अन्तर्गत विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण किया गया।
बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा उच्चतम न्यायालय के द्वारा प्रतिपादित विधि व्यवस्था अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के महत्वपूर्ण बिन्दू पर प्रकाश डाला गया।
जेलर द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 1036 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 930 पुरूष, 41 महिला बंदियों के साथ कुल 1 बच्चे निरूद्ध है व 72 अल्पवयस्क है। सुबह का नाश्ता-ब्रेड, चाय दोपहर का भोजन-रोटी, चावल, चना की दाल सब्जी (आलू, बैगन), शाम का भोजन-रोटी, चावल, अरहर की दाल, सब्जी (आलू, मूली)।
सचिव ने कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर हरिओम शर्मा, कारागार अधीक्षक, रविन्द्र यादव, कारापाल, कमल चन्द, डिप्टी जेलर, गाजीपुर, जेल विजिटर घनश्याम लाल श्रीवास्तव एवं विधिक प्रकोष्ठ अधिवक्ता खुर्शीदा बानों उपस्थित रहे।