मतसा (ज़मानियाँ)। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम रघुनाथपुर में आयोजित मानव धर्म प्रसार प्रवर्तन समाजसेवी संस्था के 35 वां वार्षिक सम्मेलन में आयोजित पांच दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे व अंतिम दिन में चल रहे संत दयाराम दास ने कहा कि कुछ भी बनने से पहले आप मानव बने। जो अच्छे लोगों के संगठन के द्वारा अस्थानी न्याय की स्थापना हो सके अन्यथा विनाशकारी जनक्रांति भयावह अशांति हाहाकार उत्तरोत्तर बढ़ता ही जाएग समाज में भ्रष्टाचार खुली कैंसर की तरह बड़का जा रहा है।
जिसे समाप्त कर समाज को बचाना होगा कथा में बिहार से पधारे शिवजी महाराज ने कहा कि ने कहा कि धर्म की रक्षा करने वाले की रक्षा स्वयं धर्म ही करता है। जब -जब हमारे धर्म, संस्कृति एवं सभ्यता पर संकट आता है, धर्म तथा ज्ञान के स्रोत वेद, उपनिषद्, आरण्यक और अन्यान्य सद्ग्रंथों का लोप होने लगता है तब -तब भगवान अपनी शक्ति के साथ धराधाम पर अवतरित होकर काल परिस्थिति के अनुसार वाणी अथवा कर्म या यों कहें कि शास्त्र एवं शस्त्र, जैसी आवश्यकता होती है उसके द्वारा धर्म की रक्षा करते हैं। विधर्मी आततायी हमारे ऊपर विजय प्राप्त करने के लिए बौद्धिक , आर्थिक, सामाजिक ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास करते हैं और यदि हमारे ज्ञान के स्रोत वेद, पुराण, उपनिषद् और आरण्यक इत्यादि को नष्ट करने में सफल हो गए तो फिर भौगोलिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक , आर्थिक और धार्मिक सभी प्रकार से हमारे ऊपर उनका आधिपत्य स्थापित होने की संभावना प्रबल हो जाती है। कथा में पधारे जमानिया के विधायक का सुनीता सिंह ने कहा कि समाज में ऐसे कार्यक्रम होना चाहिए जिससे समाज बेहतर बन सके। राम के आदर्श का अनुकरण करके ही हम अपना जीवन धन्य पाएंगे, इसलिए प्रभु राम द्वारा बताए गए रास्ते पर चलना चाहिए। कथा में पंडित नीरज शास्त्री चंद्रेश महाराज कथा में बच्चा यादव कुमारी, आरती पाठक आदि ने अपने विचार रखे तथा मंच का संचालन सुखपाल व आभार आयोजक संत दयाराम दास ने की अंतिम दिन भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण की आदर्श रामलीला समिति द्वारा रात में रामलीला में राम राज्य अभिषेक कर लीला कलाकारों ने दर्शकों से वाहवाही लूटी। इस अवसर पर राजबली यादव, संतोष यादव, विपिन यादव, नंदलाल यादव, विजय, अवधेश आदि मौजूद रहे।