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हिंदी के पहले जासूसी कथाकार की तीन पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

जमानिया(गाजीपुर)। स्थानीय स्टेशन बाजार स्थित हिन्दू पीजी काॅलेज के प्रोफेसर डॉ मदन गोपाल सिन्हा के आवास पर सोमवार को हिंदी के पहले जासूसी कथाकार की तीन पुस्तकों का लोकार्पण सुहैल खां, डॉ ऋचा रॉय, साहित्कार राजेन्द्र सिंह ने किया।

ये पुस्तकें सौ साल बाद पुनः प्रकाशित हुई हैं। इनमें डबल बीवी, हंसराज की डायरी और गोपाल राम गहमरी के संस्मरण शामिल हैं।
तीनों पुस्तकों के संपादक संजय कृष्ण ने कहा कि गोपाल राम गहमरी ने सौ से अधिक मौलिक उपन्यास लिखे। इतना ही अनुवाद भी किया और आधा दर्जन पत्रिकाओं का संपादन भी किया। 1902 में जयपुर से प्रकाशित समालोचक का एक साल तक संपादन किया। लेकिन आज लोग इस रचनाकार को भूल गए हैं। अब उनकी रचनाओं का पुनर्प्रकाशन हो रहा है। साहित्कार राजेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी रचनाओं का पुनर्प्रकाशन जरूरी है। उनका हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में महती योगदान है। डॉ ऋचा राय ने कहा कि उनका समग्रता से मूल्यांकन होना बाकी है। इस मौके पर कई साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।