जमानियां(गाजीपुर)। हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत सांप्रदायिक सदभाव और राष्ट्रीय सेवा योजना विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि लखनऊ खंडपीठ के वरिष्ठ अधिवक्ता, सामाजिक चिंतक एवं साहित्यकार रविशंकर पांडेय ने कहा कि हम सभी मनुष्य होने के कारण हम लोग ईश्वर की अप्रतिम कृति हैं। जीव जगत चराचर से प्रेम करना ही हमारे लिए अनादि काल से प्रकृति का संदेश रहा है। जब हम जाति धर्म क्षेत्र या संकीर्ण उन्मादों में आकर मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं को अंजाम देते हैं तो हमारी सामाजिक समरसता को ठेस पहुंचती है। विवेकशील प्राणी होने के नाते हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सदियों के चले आ रहे वसुधैव कुटुंबकम् के धेय वाक्य पर चलकर मानव कल्याण की दिशा में अपना योगदान दें इससे समरस समाज का निर्माण होगा।
महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक एवं अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ शरद कुमार ने कहा कि अपना देश गंगा जमुनी तहजीब का देश रहा है। हमारे पूर्वजों का उद्देश्य ही रहा है दुखी प्राणियों की सेवा करना उनके चेहरे पर मुस्कान लाना इसलिए हमारा भी सामूहिक उद्देश्य यही होना चाहिए।राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी एवं रोवर्स प्रभारी डॉ संजय कुमार सिंह ने सांप्रदायिक सदभाव की अभिवृद्धि में युवाओं को भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि आज युवाओं की संख्या देश में भरपूर है। आप अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं तथा संवेदनशलता नागरिक बनें इससे बेहतरीन समाज का निर्माण होगा और हमारा जीवन सुखमय होगा। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.संजीव सिंह ने वैज्ञानिक प्रगति से टेक्नालॉजी के उन्नतिशील होने से आए सामाजिक बदलाव की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि सोशल मीडिया का जबरदस्त प्लेटफार्म आपके पास है जिसका उपयोग विवेक से करके आप बेहतरीन समाज के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने एवं अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य ने किया। इस अवसर पर सभी कार्यक्रम अधिकारी स्वयं सेवक सेविकाओं सहित सहयोगी कमलेश प्रसाद, प्रदीप कुमार सिंह आदि ने कार्यक्रम के संयोजन में सहयोग किया।