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रोजगार अधिकार यात्रा का तहसील मुख्यालय पर हुआ समापन

जमानियां(गाजीपुर)। आंकड़ों में मत उलझाओ रोजगार कहां है हमें बतलाओ, गोरखपुर से शुरू हुई रोजगार अधिकार यात्रा गुरुवार को गाजीपुर होते हुए स्थानीय तहसील के पास स्थित रामलीला मैदान पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई।

रामलीला मैदान सभा को संबोधित करते हैं नौजवान सभा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हमारी सरकारों के लिए हम बेरोजगारी मुद्दा नहीं रह गया। प्रतिवर्ष दो करो नौजवानों को रोजगार देने का वादा करके केंद्र में आई मोदी सरकार ने सबसे पहले तो बेरोजगारी के आंकड़े प्रस्तुत करना बंद कर दिया है। फिर बताया कि देश में चारों तरफ रोजगार ही रोजगार है। बैंक, रेलवे, टीचर और एसआई आदि नौकरियों पर चर्चा करने के बजाए हमें बताया गया कि पकौड़ा तलना, पान, लगाना पंचर बनाना‚ यह सब रोजगार है। जब देश में आर्थिक मंदी आई मारुति से लेकर पारले जी तक की फैक्ट्रियां बंद होने लगी है। एक सफाई कर्मी और चपरासी की भर्ती निकलने पर जिस की न्यूनतम योग्यता 10वीं होती है। लाखों लाख लोग फार्म भरते है। जिसमें बहुत पीएचडी, बीटेक तथा एमबीए क्वालीफाई होते हैं पर योगी जी के अनुसार नौकरियां इसलिए नहीं मिलती है क्योंकि लोगों में योग्यता नहीं है। कैसी योग्यता चाहिए पता नही।  इस तरह मोदी योगी सरकार  रोजगार का रास्ता लगातार कठिन करती जा रही है। इस तरह से प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की फौज खड़ी हो गई है। रोजगार के प्रति सरकार का ऐसा रूख इसलिए है कि रोजगार के सवाल पर शिक्षित बेरोजगार युवा संगठित नहीं है। सभा को संबोधित करते हुए आल इंडिया स्टुडेंट एसोसिएशन आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने 25 लाख खाली सरकारी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने, जब-तक सम्मान रोजगार नहीं तब तक दस हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने, गाजीपुर जिले के नंदगंज चीनी मिल औरकताई मिल को चालू कर रोजगार देने की मांग उठाई। फार्म का दाम मुफ्त करने, एडमिट कार्ड को बस रेल, पास घोषित करने, नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने की मांग उठाई। दो दिसंबर को भारी संख्या में लखनऊ को पहुंचने का आह्वान किया। सभा को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की छात्र नेता चन्दा यादव, योगेन्द्र भारती, मनोज कुशवाहा, रोहित बिंद, मिलन कुमार, बृजेश कुमार, सुजीत कुमार ने संबोधित किया।