ग़ाज़ीपुर। सरकार समस्त योजनाओं को पेपरलेस कर डिजिटलीकरण की तरफ आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मां-नवजात ट्रैकिंग (मंत्र) एप्लीकेशन का शुभारंभ किया था। इस ऐप को लेकर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को एप के संचालन की जानकारी के लिए कार्यशाला के माध्यम से जानकारी व प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत की गयी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ केके वर्मा ने इसका शुभारंभ किया गया, जिसमें स्टाफ नर्स, नर्स मेंटर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
डॉ वर्मा ने बताया कि पूर्व में किए जा रहे संस्थागत प्रसव का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने में काफी दिक्कत आती थी। लेकिन मंत्र ऐप के माध्यम से प्रसव का ऑनलाइन डाटा फीडिंग, रियल टाइम मानिटरिंग, समय रहते महिलाओं के उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की जांच के साथ समय पर सही उपचार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण लेने वाले स्टाफ नर्स, नर्स मेंटर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी ग्रामीण इलाके की एएनएम को ऐप के माध्यम से ऑनलाइन करने की जानकारी देंगे।
प्रशिक्षक व यूनिसेफ के जोनल कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस ऐप पर ऑनलाइन डाटा फीडिंग हो जाने से कमजोर बच्चे, कम वजन के बच्चों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर उनका समय से इलाज किया जा सकता है जिससे आने वाले समय में कुपोषण में कमी के साथ ही साथ मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है।
मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता रामप्रवेश सिंह ने बताया कि अब आने वाले समय में सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उप केंद्रों पर स्टाफ नर्स और एएनएम के द्वारा प्रसव के बाद डाटा को इस ऐप के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे शासन द्वारा मिलने वाला लाभ का भुगतान और सही समय में सही उपचार भी प्रदान किया जा सके।
इस वर्कशॉप में यूनिसेफ के डीएमसी अजय उपाध्याय, यूपीटीएसयू से प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।