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पुत्र को धन व जायदाद के बदले दे संस्कार-संत चंद्रेश महाराज

मतसा(जमानियाँ)। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम सब्बलपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा पुराण का ज्ञान देते हुए संत चंद्रेश महाराज ने कहा कि आज संसार में हर व्यक्ति दुखी है। कोई संतान के लिए तो कोई धन दौलत के लिए तो कोई किसी ना किसी कार्य के लिए दुखी है। हम लोग भगवान की शरण में जाए तो यह सब मोह माया छूट जाता है।

हमारा शरीर परोपकार भगवान के भजन के लिए मिला है। किंतु लोग अपना जीवन भोग विलास शराब पीने में लगा देते हैं। बस कितना धन अर्जित कर ले कितना जय जात बना ले| गलत ढंग से कमाया पैसा कभी टिकता नहीं है। पुत्र को धन व जायदाद के बदले संस्कार दे भगवान श्री राम अयोध्या के राजा थे। किंतु एक अच्छे संस्कारी भी थे। अपने पिता के सम्मान के लिए वे माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष वन में रहे अहंकारी रावण व राक्षसों को अंत किया उनके पिता ने यह सम्मान दिया कहा कि इस संसार में संभल कर चलना हर पग पर धोखा है केवल भगवान के सत्संग में धोखा नहीं है तुलसीदास ने भी लिखा है कि संसार में हर कोई दुखी है। सुखी वही है जो राम राम की भजन करे यह संसार क्षणभंगुर है। सुबह कुछ रहता है, शाम को कुछ और हो जाता है। कहते हैं, ज्ञान है तो जहान है। जान है कहां पे, हमारा शरीर से जान कब छोड़ कर चला जाएगा कोई नहीं जानता किंतु भगवान का भजन आत्मा के साथ जाती है हमें धर्म को नहीं छोड़ना चाहिए धर्म का दूसरा अर्थ इमानदारी होनी चाहिए दूसरे के गुण अवगुण को नहीं देखना चाहिए कुकर्म करने से कोई स्वर्ग नहीं चाहता भगवान का सत्संग व परोपकार ही स्वर्ग ले जाता है।
रिपोर्ट-सुशील गुप्ता