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चार सालों में दो लाख गर्भवती का हुआ सुरक्षित प्रसव

गाजीपुर। गर्भवती के सुरक्षित प्रसव से मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है। इसी उद्देश्य को पूरा करने और सरकारी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि मौजूदा समय जनपद गाजीपुर में जिला महिला अस्पताल सहित 18 ब्लॉक स्तर और 117 उच्चीकृत उपकेंद्र पर नि:शुल्क प्रसव की सुविधा उपलब्ध है जहां प्रतिदिन सुरक्षित प्रसव कराए जा रहे है।

सीएमओ ने कहा कि जनपद में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है। आंकड़ों की बात करें तो मार्च 2018 से नवंबर 2021 तक जनपद में करीब 2.11 लाख प्रसव कराये गए । नवंबर तक का शत-प्रतिशत का भुगतान भी कर दिया गया है। सरकारी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आशा कार्यकर्ता गर्भवती को सरकारी अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्र लाती हैं। इनके इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रति प्रसव 600 रुपये का भुगतान किया जाता है। इस तरह जनपद में आशाओं के द्वारा मार्च 2018 से नवंबर 2021 तक 1.80 लाख प्रसव कराए गए, जिसके सापेक्ष 10.81 करोड़ रुपये का भुगतान विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को किया गया।
एसीएमओ (एनएचएम) डॉ के के वर्मा ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में आज भी संस्थागत प्रसव को लेकर जागरूकता की कमी है। जागरूकता के अभाव से अप्रशिक्षित दाई से प्रसव कराया जा रहा है, जिसके चलते कभी-कभी महिलाओं को अत्यधिक रक्तस्राव होने से गंभीर स्थिति बन जाती है। जिसमें जच्चा-बच्चा की जान पर भी खतरा आ जाता है। इसी कमी को पूरा करने के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है। जननी सुरक्षा योजना भी प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के लिए संजीवनी बनने का काम करती है। इससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहते है। प्रसव के 48 घंटे तक चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जच्चा-बच्चा की देखभाल की जाती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को ग्रामीण इलाकों में 1400 और शहरी इलाकों में 1000 रुपये दिये जाते हैं। सरकार की इस योजना से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार हो रहा है।
डॉ वर्मा ने बताया कि अभी पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जनपद में 132 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का उद्घाटन किया गया। इन केन्द्रों पर जल्द ही एएनएम की नियुक्ति के बाद प्रसव कार्य शुरू कर दिया जाएगा जिससे आने वाले समय में प्रसव की सुविधा घर के नजदीक ही मिलने लगेगी।
डाटा ऑपरेटर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद गाजीपुर में मार्च 2018 से नवंबर 2021 तक करीब 2.11 लाख प्रसव सरकारी अस्पतालों में कराए गए। इसमें सैदपुर में 24163, देवकली में 15548, मिर्जापुर में 8854, मनिहारी में 13175, जखनिया में 13097, सुभाखरपुर में 8398, जमानिया में 16224, भदौरा में 14633, रेवतीपुर में 6448, बिरनो में 7913, करंडा में 8980, मोहम्मदाबाद में 27458 , गोड़उर में 3560, बाराचवर में 11357, कासिमाबाद में 7529, मरदह में 9172 एवं जिला महिला चिकित्सालय में 14985 प्रसव कराये गए।
क्या कहा लाभार्थियों ने – रेवतीपुर ब्लॉक निवासी कलावती ने बताया कि गांव की आशा ने उन्हें सरकारी अस्पताल में सुरक्षित प्रसव की जानकारी दी । इसलिए उन्होने सरकारी अस्पताल में प्रसव कराया। और उसके बाद धनराशि खाते में प्राप्त हुई। जिससे उन्होने पौष्टिक आहार खरीदे। मोहम्मदाबाद ब्लॉक निवासी रुखसाना ने बताया कि मोहम्दाबाद स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव कराने के करीब 10 दिन के बाद उनके खाते में 1400 रुपये सरकार की ओर से मिले। उससे उन्हें काफी सहूलियत मिली।