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धरना पर बैठना पड़ा महंगा, एसडीएम ने भेजा जेल

जमानियां(गाजीपुर)। स्थानीय नगर के सतुआनी घाट पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगाने को लेकर बीते कई महीनों को चल रहे विवाद में गुरुवार को पुलिस ने शांति भंग में 14 लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

जानकारी के अनुसार वीरेन्द्र कुमार सिंह अपने निजी विवादित भूमि पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने के लिए चबूतरे का निर्माण कर रहे थे। इसी बीच विपक्षीगण शिव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए और कार्य को रुकवा दिया। वही समर्थकों ने किये गये नवनिर्माण को भी उखाड़ दिया। विवाद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों को कोतवाली ले आई। जहां उपजिलाधिकारी भारत भार्गव ने दोनों पक्षों से वार्ता की और समझाने का प्रयास किया लेकिन शिव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता मामले का फैसला होने तक निर्माण न कराने की बात पर अड़े रहे। जिस पर पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को थाने में बैठा दिया। जहां शिव मंदिर के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता अपने 50 से अधिक समर्थकों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गये। मामले की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने पीएसी सहित आस पास के थानों की पुलिस को बुला लिया और जयप्रकाश गुप्ता सहित उनके समर्थकों को बस से जेल भेज दिया। इस बारे में पूछे जाने पर एसडीएम भारत भार्गव ने बताया कि मंदिर प्रकरण के विवाद को लेकर दोनों पक्षों को कोतवाली लाया गया था लेकिन एक पक्ष के 50 लोग आमरण अनशन पर बैठ गए। जिनके खिलाफ शांति भंग, निर्माण को तोड़ना व निर्माण सामग्री लेकर जाना सहित अन्य धाराओं में मुकदमा किया गया है। पूछताछ में जयप्रकाश गुप्ता के साथ धरना पर बैठे 36 लोगों ने बताया कि उन्हें गुमराह कर कोतवाली लाया गया है। जिन्हें चेतवानी देकर छोड़ दिया गया है। शेष 14 लोगों को शांति भंग में जेल भेज दिया गया है।