गाजीपुर। पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में 21.01.2022 को जिला कारागार का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, द्वारा विडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ‘‘Plea Bargaining.” विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण किया गया।
बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया तथा बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। कारागार उप कारापाल द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 973 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 878 पुरूष, 38 महिला बंदी निरूद्ध है व 57 अल्पवयस्क है। सुबह का नाश्ता-दलिया, चाय दोपहर का भोजन-रोटी, चावल, अरहर की दाल, सब्जी (आलू, मूली), शाम का भोजन-रोटी, चावल, चना, उर्द की दाल, सब्जी (आलू, पालक) व सायं को अतिरिक्त चाय व काढ़ा। सचिव द्वारा शिविर में बंदियों को बताया गया कि सी0आर0पी0सी0 में एक नया अध्याय 21 ए जोड़ा गया था। जिसमें धारा 265ए से 265 एल को नये रूप से जोड़ा गया और प्ली बारगेनिंग का विवरण दिया गया। “प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है” इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। समझौता के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी अपने गुनाह कबूल करता है। आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है।
निरीक्षण दौरान सिद्धदोष बंदी, विचाराधीन बंदी के अन्तर्गत निरूद्ध बंदी को कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव ने उप कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर पर उप कारापाल कमल चन्द उपस्थित रहे।