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बजट से राहत कम असंतोष ज्यादा-अर्थशास्त्री शरद कुमार

जमानियां(गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष एवं पूर्वांचल आर्थिक विकास संघ के अध्यक्ष डॉ.शरद कुमार ने बजट 2022 पर त्वरित टिप्पणी करते हुए कहा कि इस बजट से किसान मजदूर विद्यार्थियों और व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है।

बजट में कुछ खास न होना उतना परेशान करने वाला नहीं है जितना कि रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर वित्त मंत्री का किनाराकश लेना। उन्होंने कहा कि कोविड़ 19 की तीसरी लहर के दौरान इस बजट में कुछ खास न होना गरीबों किसानों, विद्यार्थियों ,व्यापारियों और मध्यम वर्ग को धता बताने वाला बजट साबित होता है। नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद थी कि लंबे समय से टैक्स स्लैब में कोई सुधार नहीं हुआ है सरकार आयकर पर कोई न कोई छूट अवश्य देगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
कुछ अच्छाइयां भी हैं इस बजट में, जैसे पी एम आवास योजना द्वारा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में 80 लाख मकानों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है जो उचित है। 2 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को सशक्त व सक्षम बनाने की सराहनीय पहल इसे संवेदनशील बजट प्रमाणित करता है। तकनीकी विकास, ऊर्जा परिवर्तन, निजी निवेश, क्लीन एनर्जी और क्लाईमेट चेंज की सहायता से विकास को गति देने का एजेंडा तैयार किया गया है लेकिन प्रत्यक्ष लाभ सिफर रहने से आम आदमी ठगा महसूस कर रहा है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर व टीकाकरण को और बेहतर करने पर जोर रहेगा जिसकी सराहना भी की जानी चाहिए।सड़क,रेल और समुद्र मार्ग तथा संचार सुविधाएं बढ़ाने की बात बजट में कही गई है जो स्वागत योग्य है। हर घर में नल योजना पर 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं इससे आशा की जा सकती है कि सर्व साधारण को शुद्ध पेय जल उपलब्ध हो सकेगा, कहा गया है कि इससे 8.7 करोड़ घरों को फायदा मिलेगा। यह बजट पीएम गति शक्ति योजना को मजबूती देता है।बजट में रोजगार वृद्धि के उपाय पर विचार न किया जाना चिंतनीय है।
कुल मिलाकर यह बजट वर्तमान आर्थिक व सामाजिक समस्याओं का सार्थक समाधान करता नहीं प्रतीत होता।खैर, जो भी हो, बजट के लिए कम शब्दों में कहूं तो इसने सभी वर्ग के चेहरे पर चिंता की लकीर खींच दी है।