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स्पर्श कुष्ठ जन जागरूकता अभियान 13 फरवरी तक

ग़ाज़ीपुर। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कुष्ठ दिवस मनाया गया। इसके साथ ही जिले में स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान की शुरूआत की गयी। यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान जनपद के सभी ब्लॉकों में बैनर, पोस्टर और पंपलेट के साथ ही डिजिटल माध्यमों से जन जागरूकता कार्यक्रम चल रहा है।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ एस डी वर्मा ने बताया कि इस अभियान में कुष्ठ से पीड़ित व्यक्तियों को खोजा जा रहा है और उनका उपचार शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही कुष्ठ के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कुष्ठ से भेदभाव को समाप्त करने एवं उनको मुख्य धारा में लाने की बात पर ज़ोर दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 138 कुष्ठ रोगियों का उपचार चल रहा है। जिसमें से 42 पीबी एवं 96 एमबी रोगी हैं। अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक कुल 147 मरीज़ खोजे गए हैं जिसमें से 73 पीबी व 74 एमबी मरीज है। इसके अलावा अप्रैल 21 से जनवरी 2022 तक 181 मरीज उपचार से मुक्त हुए हैं जिसमें से 95 पीबी और 86 एमबी मरीज शामिल हैं। इसके अलावा 138 कुष्ठ मरीजों को एमसीआर चप्पल एवं 22 मरीजों को सेल्फ केयर किट का वितरण किया गया।
डॉ वर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग साथ खाने उठने बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग भी नहीं है| समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्पर्श कुष्ठ जन जागरूकता अभियान के तहत आमजन को जागरूक करने के लिए जगह-जगह बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं। इसके साथ ही डिजिटल माध्यम से भी प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्ति तत्काल पास के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे और अपना निशुल्क इलाज कराएं।
लक्षण –
हाथ-पैर की उंगलियां टेढ़ी-मेढ़ी हो सकती हैं। मांसपेशियां में कमजोरी आ सकती है। हाथ-पैर काम करना बंद कर सकते हैं, नाक से खून या आंखों में सूजन की समस्या बढ़ सकती है| शरीर पर हल्के तांबे के रंग जैसे चकत्ते हो जाना, शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो जाना, उसमें खुजली न हो, पसीना न आता हो,सुई लगने पर दर्द महसूस न होना, हथेली अथवा पैर के तलवे में भी सुन्नपन हो तो कुष्ठ की जांच अवश्य कराएं।
बचाव –
घाव को साफ करके उसे साफ विसंक्रमित कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। खुले घाव में अन्य संक्रमण आसानी से अपना प्रभाव दिखा सकता है। ऐसे रोगियों को कुछ समय के अंतराल पर घाव पर ढके कपड़े को साबुन और गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाना चाहिए। कुष्ठ रोग से बचाव के लिए चोट से बचें और घाव को साफ रखें। कुष्ठ रोग को फैलने से रोकने व निदान के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर की निगरानी में रहकर पूर्ण इलाज करना चाहिए।