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अमर शहीदों के सपनों के अनुरूप देश को बनाना होगा-डीएम

गाजीपुर। चौरी चौरा शताब्दी समारोह का जिलाधिकारी एम पी सिंह ने राइफल क्लब सभागार मे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए समापन किया।

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि 4 फरवरी 1922 को चौरी चौरा में क्रांतिकारियों ने थाने में आग लगा दी थी जिसमें 23 सिपाही जलकर अपने प्राणो कीे आहूति दी थी। यह आग केवल थाने में ही नही लगी थी बल्कि अंग्रेजी हुकूमत को भारत से जड़ से उखाड़ फेंकने की आग उनके दिलों में लगी थी जिसके परिणाम स्वरूप 15 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराकर पूर्णाहुति हुई। चौरी चौरा कांड के इतिहास में जितना सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए था, नहीं मिला किंतु आज चौरीचौरा शताब्दी समारोह का आयोजन का पूरे 1 साल तक चौरी चौरा के साथ-साथ पूरे देश के शहीदों को याद कर उनके जीवन गाथा को जन-जन तक पहुंचाने एवं उनके व्यक्तित्व तथा कृतित्व से प्रेरणा लेकर देशवासियों के अंदर देशभक्ति की भावना को जागृत करने का जो संकल्प लिया है वह काबिले तारीफ है जिसे हम सभी को आगे बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी प्राप्ति एवं उसके बाद देश की सरहदों की सुरक्षा में इस क्षेत्र के भी क्रांतिकारियों एवं सेना के जवान अग्रणी पंक्ति में रहे हैं । उन्होने ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव पर वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि अमर शहीदों के सपनों के अनुरूप भारत देश को बनाना होगा यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।