गाजीपुर। बालू मक्खी से होने वाले कालाजार के उन्मूलन के लिए शासन स्तर और विभाग द्वारा कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी क्रम में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मंगलवार को जिला मलेरिया कार्यालय सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ। प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने की। डब्ल्यूएचओ से एनटीडी के जोनल कोआर्डिनेटर डॉ राहुल ने स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया।
वेक्टर जनित रोगों के नोडल अधिकारी डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। मक्खी को न पनपने देना कालाजार से बचने का आसान एवं सुलभ तरीका है। इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आईआरएस का छिड़काव भी समय समय पर करवाया जाता है। जनपद में जुलाई 2021 के बाद से अब तक एक भी कालाजार का मरीज नहीं मिला है। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कालाजार उन्मूलन के लिए मंगलवार को स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें पाँच ब्लॉक के लैब टेक्नीशियन, हेल्थ सुपरवाइजर ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षणोंपरांत ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सहयोग लिया जा सकेगा।
इस मौके पर जोनल को आर्डिनेटर डॉ राहुल ने बताया कि बालू मक्खी नमी और अंधेरे वाली जगहों पर पाई जाती है जो छः फीट की ऊंचाई तक ही उड़ सकती हैं। आरएनटीडी की डॉ सुचेता शर्मा ने बताया कि बालू मक्खी के काटने से मरीज को दो हफ्ते से ज्यादा बुखार आना एवं भूख न लगना आदि समस्या हो सकती हैं। ऐसे में तुरंत चिकित्सक की सलाह पर जांच करवा लेनी चाहिए। जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंसलटेंट अंकिता त्रिपाठी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में आरके-39 किट उपलब्ध है, जिससे जांच की जाती है। इस अवसर पर लैब टेक्नीशियन, हेल्थ सुपरवाइजर सहित अरुण व अन्य लोग मौजूद रहे।