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पुलिसकर्मियों के खिलाफ दलित एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग

जमानिया(गाजीपुर)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माले) के कार्यकर्ताओं ने पांडेय मोड़ स्थित मुसहर बस्ती में घुस कर वनवासियों के घरों में तोड़फोड़ और उन पर लाठीचार्ज कर बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को गंभीर रूप से घायल करने के घटना की कड़े शब्दों में निन्दा की। भाकपा (माले) ब्लॉक कमेटी ने घायलों का मेडिकल जांच कराकर पुलिसिया बर्बरता के लिए जिम्मेदार जमानियां कोतवाल, समेत पुलिसकर्मियों के खिलाफ दलित एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर, अविलम्ब बर्खास्त करने, गिरफ्तार वनवासियों को बिना शर्त रिहा करने की मांग उठाई।

भाकपा (माले) का प्रतिनिधिमंडल एसडीएम, सीओ जमानियां से मिला तथा पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करा कर वनबासियो को इंसाफ दिलाने की मांग की। उन्होंने पुलिस के उस आरोप को गलत बताया और कहा कि मजदूर गांजा नहीं गांजा पी रहे थे। ये मजदूर ट्रक से सामान उतार कर बेलचा लेकर घर जा रहे थे। पुलिस ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। जब गरीबों ने इसका आपत्ति जताई तो पुलिस ने उनकी लबे सड़क पिटाई की। जिस पर आवाज सुनकर बीच बचाव के लिए गांव की महिला‚ बच्चे‚ बुजुर्गों वहां पहुचे तो पुलिस ने सभी को एक एक कर पड़क कर जमकर पीटा। गाड़ी का शीशा पुलिस ने खुद तोड़ कर निर्दोष वनवासियों को जेल भेज दिया है। जिन वनवासियो ने वोट देकर योगी सरकार को दुसरी बार सत्ता में लाया। वहीं योगी सरकार की पुलिस ने उसी मजबूत की हुई लाठी को गरीबों पर बजाकर जेल भेज कर उनकी जिंदगी तबाह बर्बाद करने का काम किया है। भाकपा ( माले) इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रतिनिधिमंडल में ब्लॉक सचिव मुराली बनवासी, लालजी बनवासी, बुच्चीलाल, जगबली राजभर,राम अवध बिंद,विजयी वनवासी, समेत अच्छी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे तथा चेतावनी दिया कि समय रहते अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आन्दोलन तेज किया जाएगा।