जमानिया(गाजीपुर)। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद भारत मे उन परिवारों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गयीं जिनके बच्चे यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। हमारे गाजीपुर जिले के कई परिवारों के बच्चे भी यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे थे जिनके वतन वापसी पर परिवार को बेतहासा खुशी मिली।
वतन वापसी की इसी कड़ी में ग्राम देवरिया पाहसैयद राजा के त्रिपाठी परिवार की खुशियां उस समय हजार गुना बढ़ गयी जब उनकी प्यारी बेटी साक्षी यूक्रेन से सकुशल वतन लौटने के बाद ठीक होली से एकदिन पहले अपने मूल निवास देवरिया पाहसैयदराजा पहुंच होली को खुशनुमा बना दिया। बेटी के सकुशल घर वापसी पर दादा पूर्व प्रधान कपिलदेव त्रिपाठी के आंखों में खुशी के आंशु थे।पौत्री के सकुशल वापसी पर उन्होंने कहा कि ईश्वर की अपरम्पार कृपा रही कि हमारी बिटिया घर आगयी। उन्होंने भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद देते हुवे कहाकि बच्चों को वतन वापसी कराने में भारत सरकार का प्रयास सराहनीय है।साक्षी त्रिपाठी के पिता शिव दरश त्रिपाठी ने बताया कि साक्षी यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्र के राज्य टेरनोपिल के टेरनोपिल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा है।अब उसके आगे की कोर्स की चिंता है कि कैसे पूरा होगा।देखते है भारत सरकार क्या करती है।
रूसी हमले के बाद यूक्रेन में छात्र एवं छत्राओं की स्थित के बारे में साक्षी ने बताया कि यूनिवर्सिटी में हमारी ऑफलाइन पढ़ाई चल रही थी कि 24 फरवरी को न्यूज आया कि रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर अटैक कर दी है।तब हम सब स्टूडेंट भयभीत होगये।क्यो कि कीव से टेरनोपिल की दूरी ज्यादे नही है। फिर कुछ देर बाद यूनिवर्सिटी से सूचना मिली कि अब ऑनलाइन पढ़ाई होगी और हम लोग होस्टल आ गये , हमें रात को बंकर में रखा गया जो हमले के हिसाब से सेफ था। रात को दस बजे सायरन बजने लगा तब हमें बताया गया कि आप ऐसे तैयार रहो कि कभी भी यहां से भाग जा सके।इसी तरह दो दिन बीत गये।फिर हमारा एरिया भी रेड जोन में आगया। हमें भारतीय दूतावास से सन्देश आया कि आपलोग स्लोवाकीया पोलैंड हंगरी और रोमानिया में से कोई भी बार्डर क्रॉस करो। फिर हम सुबिधा अनुसार अपनी बस पर भारतीय झंडा लगा रोमानिया के लिए निकल गये। भारी जाम के कारण रोमानिया बार्डर से 15 किलोमीटर पहले बस वाले ने उतार दिया फिर माईनस टेम्प्रेचर में पैदल चलते हुवे रात को 11 बजे रोमानिया पहुंचे। साक्षी ने बताया कि रोमानिया में हमारा बहुत अच्छे से ध्यान रखा गया।वोलेंटियर्स की तरफ से फल फूल दूध और खाना दिया गया तथा हम सभी स्टूडेंट्स को अलग अकग शेल्टर में रखा गया।।जहां हमे हर प्रकार की सुविधा मिली। साक्षी त्रिपाठी ने बताया कि रोमानिया पहुंचने पर हमें लगने लगा कि अब हम सकुशल अपने देश पहुंच जायेंगे। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को रोमानिया पहुंचने के तीन दिन बाद 2 मार्च को हम रात 8 बजे एयरफोर्स की कार्गो फ्लाइट से अपने देश के गाजियाबाद एयरवेस पहुंचे जहां राज्य मंत्री अजय भट्ट जी ने रिसीव किया। फिर हमें अपने राज्य के यूपी भवन लेगये जहां कोविद टेस्ट के बाद घर भेजा गया फिर मैं प्रयागराज आगयी जहां हमारे पिता जी कार्यरत है उसके बाद दादा दादी और अपने पूरे परिवार से मिलने होली के अवसर पर गांव आगयी। अपनी आगे की शिक्षा के बारे में पूछने पर साक्षी ने बताया कि जैसे भारत सरकार के प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने सकारात्मक प्रयास से हमे अपने देश सुरक्षित ला दिया उसी तरह वो निश्चित रूप से हमारी शिक्षा व्यवस्था किसीसे पुरी हो जरूर योजना बनाएंगे।
साक्षी के सकुशल पहुंचने पर माता सरिता देवी, दादा कपिलदेव त्रिपाठी, दादी नागदेई, सावित्री, चाचा श्याम जी त्रिपाठी, सन्तोष त्रिपाठी के साथ उनके बचपन के दोस्तो के साथ पूरे गांव की होली खुशनुमा हो गयी।