जमानियां(गाजीपुर)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के कार्यकर्ताओं ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पांडेय मोड़ भैदपुर के गरीबों पर पुलिसिया बर्बरता के घटना,की न्यायिक जांच, बर्बरता के लिए जवाबदेह कोतवाल और पुलिसकर्मियों के खिलाफ दलित एक्ट की रिपोर्ट दर्ज करने‚ दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने, गिरफ्तार बेगुनाह गरीबों को रिहा करने, बिना शर्त मुकदमा वापस लेने आदि मांग को लेकर तहसील के पास स्थित रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन किया।
धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले) ब्लॉक सचिव मुराली बनवासी ने कहा कि गरीबों पर पुलिसिया बर्बरता के मामले में योगी सरकार की पुलिस ने अंग्रेजी हुकूमत की पुलिस को पीछे छोड़ दिया है।अभी योगी सरकार शपथ भी नहीं ले पाई जमानिया पुलिस ने तांडव की सारी सीमाएं पार कर गई है इसकी जितनी निन्दा की जाय कम है।13 मार्च को रात करीब 11 बजे जमानिया कस्बे के पांडे मोड़ पर 4 मजदूर गिट्टी उतारकर लौटे और अपनी मजदूरी का पैसा आपस में बांटने लगे। उसी समय पुलिस पहुंची और चोरी का पैसा होने का आरोप लगाकर मजदूरी के रुपए उन लोगों से छीन लिए। मजदूरों ने विरोध किया तो जमानिया थाने से और पुलिस बुला लिए और मारपीट शुरू कर दी। थोड़ी देर में पूरे सर्किल क्षेत्र के थानों की पुलिस बुला ली गई और भारी तबाही मारपीट , लूट और घरों में तोड़फोड़ की गई। थाने में भी पीटा गया। 26 लोगों को जेल भेज दिया गया है जिसमें 20 पुरुष और 6 महिलाएं हैं। शिवजी वर्मा उनकी पत्नी तीन बेटे और एक बहू यानी पूरा परिवार जेल में है। उनकी दो बेटियां पांच छोटे छोटे बच्चों के साथ घर पर हैं। इनकी छोटी सी बर्तन की दुकान है और फेरी कर के बर्तन भी बेचते हैं। 9 बिंद, इसमें 3 महिलाएं हैं, जेल में है। एक दलित दासी राम और 10 मुसहर जेल में बंद है। रमेश और मीरा इनके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं घर पर बिलख रहे हैं। पार्वती जिसको 3 दिन पहले बच्चा पैदा हुआ बुरी तरह पीटा गया। रूपा देवी को इतना पीटा गया कि बच्चा खराब हो गया है। दर्जन भर से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को बुरी तरह पीटा गया है और कुछ लड़कियों के साथ छेड़खानी भी हुई है। अब तक प्रशासन ने एक तरफा कार्यवाही करते हुए निर्दोष लोगों को इस घटना में जेल भेज दिया है जबकि घटना के लिए जिम्मेदार दोषी पुलिसकर्मी खुलेआम घूम रहे हैं। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भदौरा ब्लॉक सचिव रामप्रवेश कुशवाहा ने कहा कि 14 मार्च को जिम्मेदार अधिकारियों को मुकदमा दर्ज करने के लिए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दिया गया 15 मार्च को पुलिस अधीक्षक से प्रतिनिधिमंडल मिला और नेताओं से भी पुलिस अधीक्षक से वार्ता हुई पुलिस अधीक्षक ग्रामीण से जांच कराकर इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया।इंसाफ दिलाना तो दूर एसपी ग्रामीण आज पीड़ित परिवार से मिलने तक नहीं गये। जिस कोतवाल और दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त होना चाहिए। वे खुलेआम, दहशत का माहौल बना रहे हैं। बेगुनाह जेल भेजे गए गरीबो के बच्चे खाने- खाने को मोहताज है। उक्त गरीबों को न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन को कार्यसमिति सदस्य योगेंद्र भारती, राजेश वनवासी, विजय कुमार वनवासी, चंद्रावती देवी, मंजू गोंड, लालजी बनवासी,( माले) जिला सचिव रामप्यारे राम, बुच्चीलाल,विजयी वनवासी, लालू बिंद रामनगीना पासी, राम अवध बिंद ने सम्बोधित किया। संचालन जगबली राजभर ने किया।