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पूर्णकालिक सचिव ने किया शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण

गाजीपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में 30.03.2022 को जिला कारागार, गाजीपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर की पूर्णकालिक सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, द्वारा ‘‘The Provisions and benefits of ADR mechanism and rights of disaster victims and victims of Covid-19.” पर शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण किया गया।

बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया तथा बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। हरिओम शर्मा, अधीक्षक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 976 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 872 पुरूष, 40 महिला बंदी निरूद्ध है व 64 अल्पवयस्क है। सुबह का नाश्ता-दलिया, चाय दोपहर का भोजन-रोटी, चावल, उर्द राजमा की दाल, सब्जी (आलू, पत्ता गोभी), शाम का भोजन-रोटी, चावल, अरहर की दाल, सब्जी (आलू, पत्ता गोभी)। सचिव महोदया द्वारा ए0डी0आर0 के अन्तर्गत विवाद समाधान की वे प्रक्रियाएं और तकनीके आती है जो विवाद में उलझे पक्षों को बिना मुकदमें के ही विवाद का समाधान खोजने में सहायता करती है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में संसद में मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2018 को लागू करने की स्वीकृति प्रदान की है जो संस्थागत मध्यस्थता को सुगम बनाएगी और भारत को सुदृढ़ वैकल्पिक विवाद समाधान (ए0डी0आर0) तंत्र का केन्द्र बनाने में सहायक होगा तथा इसके विवाद को शीघ्रता से और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए अपनाए जाने वाले सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना गया है तथा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की व्यवस्था के अनुसार विधिक सेवा कार्यक्रम के अन्तर्गत न केवल कमजोर व्यक्तियों को विधिक सेवा उपलब्ध कराया जाना शामिल है। निरीक्षण दौरान महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया तथा सिद्धदोष बंदी, विचाराधीन बंदी के अन्तर्गत निरूद्ध बंदी को कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव महोदया ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव महोदया ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर शिवकुमार यादव, कारापाल, उप कारापाल कमल चन्द व रविन्द्र सिंह यादव उपस्थित रहे।