जमानियां(गाजीपुर)। तहसील के सामने स्थित रामलीला मैदान में पीड़ित महिलाओं और बच्चों समेत भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के कार्यकर्ताओं का भैदपुर कांड पर विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन बुधवार को क्रमिक अनशन में तब्दील हो गया।
निष्पक्ष जांच कराने, बर्बरता के लिए जवाबदेह कोतवाल और पुलिसकर्मियों के खिलाफ दलित एक्ट की रिपोर्ट दर्ज करने, दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने, गिरफ्तार बेगुनाह गरीबों को रिहा करने, बिना शर्त मुकदमा वापस लेने आदि मांग को लेकर जारी धरना प्रदर्शन के सातवें दिन क्रमिक अनशन में तब्दील हो गया। क्रमिक अनशन पर नखडू वनवासी, सविता देवी, राजेन्द्र वनवासी, आशा देवी, नारायण बिंद पहले दिन बैठ गये है। इस दौरान भाकपा ( माले) ब्लॉक सचिव मुराली बनवासी ने कहा कि प्रदेश और जिले में गरीबों पर हमले और बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने साबित कर दिया है कि कानून का राज नहीं है बल्कि पुलिस का गुडा राज चल रहा है। आज तक पीड़ित परिवार से जिले का और तहसील का कोई अधिकारी नहीं गया। जो मानवता को कलंकित करने वाला है। गरीबों पर पुलिसिया बर्बरता के मामले में योगी सरकार की पुलिस ने सभी पूर्ववर्ती सरकारों को पीछे छोड़ दिया है। पुलिसिया तांडव के लिए जवाबदेह अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। इन पुलिस कर्मियों को बर्खास्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रकसहां से लेकर सुहवल तथा जौनपुर जिले में गरीबों का उत्पीडन की घटनाएं हत्या, लूट की घटनाएं योगी सरकार के माथे पर कलंक है। उन्होंने चितावनपट्टी के प्रधान पति पर गोलीबारी के घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए हमलावरों को यथाशीघ्र गिरफ्तार करने की मांग उठाई। दिलदारनगर, पुलिस दलित एक्ट और छेड़खानी में नामजद आरोपी को बचा रही है। पुलिस मोटी रकम लेकर धुस्का के मदनचंद मुसहर के हत्यारे को जमानियां पुलिस ने बचाने का काम किया, हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस हिरासत में बेटाबर के उमाशंकर कुशवाहा मौत हो गई। आज तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला। उन्होंने जो गरीब दलित बिंद अपने घरों में वे पुरे परिवार समेत सो रहे थे। जिनको घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जेल में बंद हैं। उनके मासूम बच्चे खाने पीने के लिए दर- दर भटक रहे हैं। इसकी जितनी निंदा की जाय कम है। 13 मार्च को रात करीब 11 बजे जमानिया कस्बे के पांडे मोड़ पर 4 मजदूर गिट्टी उतारकर लौटे और अपनी मजदूरी का पैसा आपस में बांट रहे थे। पुलिस वालों ने मजदूरी का रुपया छिन लिया। प्रतिवाद करने पर मारपीट कर 26 महिला पुरूषों को जेल भेज दिया। यह कैसा न्याय है। क्रमिक अनशन को देवंती देवी लालजी बनवासी, अमृत वनवासी,सुकरा देवी,सुरजी देवी सदानंद, चंद्रावती देवी‚ मीना, श्यामप्यारी, देवी,जगबली राजभर, मुराही‚ तेज बहादुर, विजय कुमार, बुच्चीलाल, विजयी वनवासी, लालू बिंद ,रामनगीना पासी, राम अवध बिंद, महेंद्र राम ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता पांचरतन कुशवाहा और संचालन विजयी ने किया।