जमानियां(गाजीपुर)। तहसील सभागार में शुक्रवार को विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर शुक्रवार को तीसरे लिंग‚ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के कल्याण‚ सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव लालजी विश्वकर्मा ने के.वी. सक्सेना द्वारा ”अनुसूचित जाति के अत्याचार निवारण” पर चर्चा की‚ बंधुआ मजदूरी‚ एन.एच.आर.सी., द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित मामले आदि पर प्रकाश डाला और उनके कर्तव्य‚ अधिकार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विधिक साक्षरता शिविरों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ कानूनी तौर पर साक्षर बनाना भी है। इसके साथ ही प्राधिकरण की ओर से दी जा रही मुफ्त कानूनी सहायताओं के बारे में भी जागरूक करना है। उन्होंने लोगों से आपसी झगड़ों को पंचायत स्तर, मध्यस्थता और लोक अदालत के माध्यम से निपटाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो आर्थिक दृष्टि से गरीब, पिछड़े और कमजोर वर्ग (अनुसूचित जाति, जनजाति), महिलाएं, असहाय, नाबालिग बच्चे, ऐसी महिलाएं और बुजुर्ग व्यक्ति जिनका कोई सहारा नहीं है और जिन्हें बुढ़ापे में अकेला छोड़ दिया जाता है, को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाना और सहायता प्रदान करना है। इस अवसर पर आरके त्रिभुवन सिंह‚ आरके अशोक‚ आरआई प्रदीप कुमार‚ आरआई इन्द्र प्रताप सिंह‚ नितेश यादव‚ विनय दूबे‚ विनय पाण्डेय‚ विजय कुमार‚ मृत्युंजय कुमार आदि मौजूद रहे।