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कलियुग में मनुष्य की आयु बहुत अल्प है-पंडित चंदेश महराज

जमानिया(गाजीपुर)। सब्बलपुर में आयोजित भागवत कथा में पंडित चंदेश महराज ने कहा कि सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में क्रमशः ध्यान,यज्ञ और पूजा के द्वारा जीव का कल्याण होता था परन्तु कलियुग मनुष्य की आयु बहुत अल्प है इसलिए ध्यान,तप और समाधि हेतु चाहकर भी समय नहीं निकाल सकते, यज्ञादि कर्म के लिए साधन की जैसी पवित्रता चाहिए होती हैं वैसी पवित्रता संभव नहीं है। अतः कलियुग के मानव का कल्याण यदि किसी साधन से हो सकता है तो एकमात्र वह साधन है।

भगवान का पावन नाम। भगवान के नाम अनेक हैं और सभी कल्याणकारी हैं। अपनी रुचि एवं भावना के अनुसार हम राम, कृष्ण या शिव अथवा कोई अन्य नाम के आश्रय को पकड़ कर अपना जीवन संवर सकते हैं एवं सद्गति भी प्राप्त कर सकते हैं। आयोजन में विनोद श्रीवास्तव, एवं बुच्चा यादव ने भी कथा अमृत पान कराया।