जमानिया(गाजीपुर)। बेटावर मे राम जानकी मंदिर पर अयोध्या से पधारे संत शिवराम दास फलाहारी बाबा ने राम कथा सुनाते हुए कहा कि कलिकाल में विश्वास ही का पर्यायवाची नाम फल है।
गीता में भगवान कहते हैं कि संशययुक्त जीव का विनाश निश्चित है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन संशय से शुरू होता है पर विराम समाधान पर होना चाहिए। अंधविश्वास पर विश्वास नहीं करना चाहिए परंतु भगवान पर संदेह भी नहीं करना चाहिए। सती ने राम पर संदेह किया तो जलकर मरना पड़ा। सती और शिव की कथा जी और शिव की कथा है। किसी भी कार्य का शुभारंभ विश्वसनीय कर्म से किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है ।निरंतर कर्म लक्ष्य को आसान बना देता है। कर्म रूपी चंदन समर्पण रूपी बंदन व्यक्ति को महान बना देता है। कर्म का फल आज नहीं तो कल निश्चित है। चमत्कार पर विश्वास न करके कर्म पर विश्वास करना चाहिए। सारे सुख और दु:ख का कारण स्वयं का कर्म ही होता है। सतकर्म ही पूजा का रूप धारण कर लेता है। सत्संग सत्य पथ प्रशस्त करता है।