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वृहद सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तिथि में हुआ बदलाव

गाजीपुर 20 मई, 2022 (सू.वि)। जिला समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक वृहद सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन 27.05.2022 एवं 10.06.2022 को किया जाना था।

उ0प्र0 विधान सभा सत्र 2022-23 दिनांक 23.05.2022 से शुरू हो रहा है जिसके दिनांक 31.05.2022 तक चलने की सम्भावना हैै । प्रदेश के समस्त मा0 विधान सभा/ मा0 विधान परिषद सदस्यों द्वारा आहूत सत्र मे प्रतिभाग किया जाना है जिसके कारण मा0 सदस्यों द्वारा निर्धारित तिथि को आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम मे प्रतिभाग करना सम्भव नही होगा। अतएव उपरोक्त के दृष्टिगत 27.05.2022 को आयोजित सामूहिक विवाह का कार्यक्रम एक ही तिथि एवं समय पर सम्पन्न कराने हेतु निर्णय लिया गया था। दिनांक 27.05.2022 को सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आयोजित नही होगा। निदेशक समाज कल्याण उ0 प्र0 लखनऊ द्वारा उक्त तिथि को स्थगित करते हुए दिनांक 10.06.2022 एवं अवशेष पंजीकृत जोड़ो का विवाह दिनांक 17.06.2022 को निर्धारित किया गया है जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग एवं सामान्य वर्ग के निराश्रित/ निर्धन परिवारों के विवाह योग्य कन्या तथा विधवा/ परित्यक्ता/ तलाकशुदा महिलाओं के विवाह हेतु अनुदान योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हुए ‘‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत पात्र होगें।‘‘ वैवाहिक कार्यक्रम मे सम्मिलित जोड़ो को उपहार स्वरूप सामग्री एवं कन्या के बैंक खाते में रू0- 35000.00 दी जायेगी। इच्छुक पात्र जोड़े अपना रजिस्ट्रेशन संबंधित विकास खण्डों/ नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत मे आवेदन / रजिस्ट्रेशन कराना सुनिश्चित करें। पात्रता की अन्य शर्ते निम्नवत है। कन्या के अभिभावक निराश्रित, निर्धन तथा जरूरतमन्द हो, आवेदक के परिवार की आय रू- 2.00 लाख के अन्तर्गत हो। विवाह हेतु कन्या की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक एवं वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी अनिवार्य है। आयु की पुष्टि के लिए स्कूल, शैक्षणिक रिकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉबकार्ड, आधार कार्ड मान्य होगा। इस योजना के अन्तर्गत परिवारों के कन्या का विवाह/ विधवा/ परित्यक्ता/तालाकशुदा, जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो, का पुनर्विवाह कराया जाना है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, एसी कन्या जो स्वयं विकलांग हो को प्राथमिकता दी जायेगी।