Skip to content

ऋणों की वसूली हेतु एक एक मुश्त समझौता योजना की अवधि विस्तारित

गाजीपुर 25 मई, 2022 (सू.वि)। वर्ष 1997 से 31 मार्च, 2017 के मध्य वितरित फसली ऋण एवं अन्य ऋणों की वसूली हेतु एक एक मुश्त समझौता योजना में दी जाने वाली छूट जिसमें दिनांक 04.01.2022 के माध्यम से एक मुश्त समझौता योजना की अवधि दिनांक 30.09 2022 आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता लखनऊ द्वारा विस्तारित कर दिया गया है।

यह योजना जिला सहकारी बैंक एवं साधन सहकारी समितियों द्वारा वितरित ऋणों के सम्बंध में 3.00 लाख(तीन लाख रूपये होगी। इस योजना में विविधीकरण ऋणों के अन्तर्गत व्यक्तिगत ऋणों की सीमा अंकन 20.00 लाख ( बीस लाख रूपये तथा संस्थाओं के मामले में अंकन 10.00 करोड़ रूपये होगी। 1997 से पूर्व के फसली ऋणों में कृषक द्वारा लिये गये वास्तविक मूलधन में से बचे अवशेष मूलधन को जमा कराकर एक मुश्त समझौता योजना का लाभ दिया जायेगा अर्थात् सम्पूर्ण ब्याज, दण्ड ध्याज बराबर ब्याज की वसूली की जायेगी। 1997 से 31 मार्च , 2012 के मध्य वितरित फसली ऋण के बकायेदारों से मूलधन तथा मूलधन के बराबर ब्याज की वसूली की जायेगी।01 अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 के मध्य वितरित फसली ऋण के बकायेदारों से मूलधन एवं आयत ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान कर वसूली की जायेगी। यदि बकायेदार सदस्य एक मुश्त समझौता योजना के अन्तर्गत देय धनराशि की अदायगी एक साथ करने में असमर्थ है तो उससे 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने के पश्चात् अवशेष तीन त्रैमासिक किश्तों के आधार पर वसूली करायी जायेगी। जिला सहकारी बैंक के रू0 20.00 लाख तक के व्यक्तिगत एवं रू0 10.00 करोड़ तक के संस्थागत ऋणियों को दिया जायेगा। बैंक के अभिलेखों में अशोध्य एवं संदिग्ध की कैटेगरी डी -3 अथवा हानि की आस्ति में चिन्हांकन होने पर ऐसे ऋणों में मूलधन के बराबर मूलधन एवं उतना ही ब्याज जमा किया जा चुका है, अवशेष मूलधन को जमा करके ओ0टी० एस० का लाभ दिया जायेगा, जिसमें दण्ड ब्याज एवं दीगर शुल्क माफ होगा। ऐसे ऋणों में जिनमें ऋण वितरण के समय वितरित मूलधन से अधिक ब्याज लगाया जा चुका है के मूलधन एवं उतना ही ब्याज जमा कर एक मुश्त समझौता योजना का लाभ दिया जायेगा। दण्ड ब्याज एवं दीगर शुल्क माफ होगा।