गाजीपुर। हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानियां के पूर्व प्राचार्य व अर्थशास्त्री डॉ.अनिल कुमार सिंह ने बताया कि
वर्ष 2022-23 का बजट 6 लाख 15 हजार करोड से अधिक का है जो कि पिछले बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपए से काफी अधिक है जिससे प्रदेश मे विकास को बल मिलने की संभावना है।
2022 के चुनाव से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था। उसके 130 संकल्प में से 97 संकल्प को पहले ही बजट में स्थान दिया है। उसके लिए 94 हजार 830 करोड़ का प्रावधान किया है। 44 संकल्प नए हैं जो कि सरकार की जनता तक बजट के जरिये पहुंचने की मंशा को दर्शाती है। उज्जवला योजना में लाभार्थियों को साल में दो सिलेंडर मुफ्त दिए जाने की बात और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच साल में पूरे बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती से जोडने की घोषणा गरीब और किसानों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। इस साल के बजट में सरकार ने गरीब कल्याण योजनाओं, अवस्थापना सुविधाओं और विकास हेतु नये निवेश पर जोर देकर संतुलन साधने की कोशिश की है।शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र मे गुणवत्ता को बढा़ने हेतु पीपीपी माॅडल को तरजीह देकर सरकार इन क्षेत्रो मे निवेश को आमंत्रित कर रही है। पर्यटन से रोजगार की संभावना के मद्देनज़र बजट मे अनेक स्तरों पर मद आवंटित किये गये हैं।
हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य व अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ शरद कुमार
ने आज उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री के द्वारा पेश किए गए बजट को जनहित में बताया। डॉ कुमार ने विशेष रूप से यह बजट गरीबो, महिलाओं और किसानों के लिए लाभप्रद बताया। किसानों को जहाँ सिचाई के लिए डीजल विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा प्रबंधन को बढावा दिया जाएगा वहीं उज्ज्वला योजना के तहत लाभर्थियों को 2 निःशुल्क एलपीजी देना सुनिश्चित किया गया हैं। सेफ सिटी योजना के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 6 जिलो में 523 करोड़ रुपया आवंटित किया गया हैं। गरीबो का ध्यान रखते हुए
अंत्योदय कार्ड धारकों को निःशुल्क खाद्यान्न की योजना लागू। निराश्रित व वृद्धापेंशन बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गई हैं जो बहुत उपयोगी हैं।
75 जनपदों में खेलो इंडिया सेंटर की योजना लागू कर के सरकार ने खेल भावना को बढ़ावा दिया हैं। इसके अलावा महिला हेल्प डेस्क की संख्या में वृद्धि की गई हैं। सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ का प्राविधान हैं। कौशल विकास के लिए 20 करोड की धनराशि आवंटित की गई हैं जो कम दिखती हैं। मिला जुलाकर कह कह सकते हैं कि यह बजट सामान्य और जनकल्याण से जुड़ा हुआ हैं।