ग़ाज़ीपुर (4 जून 22)। 2012 में जब 108 एम्बुलेंस की शुरुआत की गई थी तब शायद सरकार भी नहीं सोची रही होगी कि आने वाले समय में 108 एंबुलेंस लोगों में इतनी लोकप्रिय हो जाएगी। मौजूदा समय में किसी भी तरह के एक्सीडेंट होने के मामले या फिर गर्भवती के प्रसव के मामले में तत्काल 108 एंबुलेंस को ग्रामीण फोन कर मौके पर बुला रहे हैं। कुछ ऐसा ही शुक्रवार को सदर ब्लाक के सकरा ग्राम सभा से एक फोन आया और बताया गया कि गर्भवती को प्रसव पीड़ा है। जिसके बाद पायलट और ईएमटी तत्काल बताए गए लोकेशन पर एंबुलेंस लेकर पहुंचे और थी गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्र के लिए लेकर चल पड़े।
108 एम्बुलेंस के ब्लॉक प्रभारी दीपक राय ने बताया कि सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत सकरा की रहने वाली अर्चना पत्नी विजय कुमार जो गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा हो रहा था जिसको लेकर इमरजेंसी मेडिकल टेक्निकल रामनाथ और पायलट वाहिद खान के द्वारा जिला महिला अस्पताल के लिए चले। लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण रास्ते में ही एंबुलेंस के अंदर ईएमटी और परिवार की महिलाओं के सहयोग से प्रसव कराना पड़ा। जिसके पश्चात जच्चा और बच्चा को जिला महिला अस्पताल लाकर एडमिट कराया गया। जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को स्वस्थ बतलाया।
जमानिया प्रतिनिधि के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के हरबल्लमपुर गांव के पास शनिवार की दोपहर करीब 12:40 बजे क्षेत्र के दरौली गांव निवासी एक महिला ने अस्पताल जाते समय एबुंलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित है और परिवार में हर्ष व्याप्त है।
दरौली गांव स्थिात अपने घर पर लालीता देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई और परिवार के लोग उसे 102 एंबुलेंस को बुलवाया। वही आशा को भी इसकी सूचना दी गई। आशा पवित्री देवी मौके पर पहुंच गई और एंबुलेंस से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जा रही थी। इस दौरान अस्पताल पहुंचने से पूर्व हरबल्लमपुर गांव के पास महिला कि प्रसव पीड़ा बढ़ गई। तब एंबुलेंस के ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन) विनय कुमार और पायलट हरीओम ने रास्ते में ही एंबुलेंस को रोक लिया। अपनी सूझबूझ से काम लेते हुए आशा पावित्री के साथ मिल कर महिला का एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करा दिया। बाद में महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टर ने बताया कि प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। महिला ने बच्ची को जन्म दिया है।