गाजीपुर 14 जून, 2022 (सू.वि)। जिला चिकित्सालय, गोराबाजार में अन्तर्राष्ट्रीय रक्तदान दिवस पर शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें मंगला प्रसाद सिंह जिलाधिकारी, कामायनी दूबे, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर, डा0 हरगोविन्द सिंह मुख्य चिकित्साधिकारी, गाजीपुर, डा0 के0के0 सिंह प्रभारी चिकित्साधिकारी ब्लड बैंक, गाजीपुर, डा0 आनन्द मिश्र प्राचार्य मेडिकल कालेज गाजीपुर, डा0 राजेश सिंह, बृजभान सिंह व बृजेश सिंह उपस्थित हुए।
जिलाधिकारी ने कहा कि रक्त दान महादान है, यह कह सकते है कि यह एक जीवनदान ही है। दुनिया में इससे बड़ा कोई पुण्य का काम नही है, क्योकि रक्त दान करके ही किसी जरूरतमंद व्यक्ति का जीवन को बचाया जा सकता है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उपस्थित लोगो केा शपथ दिलाईं। सचिव महोदया, द्वारा बताया गया कि रक्त देना वह भी कष्ट सहकर, कितना मुश्किल है। हर कोई इसके लिए तैयार नहीं होता। जिसे रक्त चाहिए यानि जो रक्त ना मिल पाने से शनैः शनैः जीवन समाप्ति की तरफ बढ़ रहा हो, उसकी और उसके परिजनों के मानसिक तनाव का अंदाजा लगाना बहुत ही कठिन है। इसीलिए रक्तदान महादान कहा जाता है, क्योंकि यह किसी के जीवन को जीवन प्रदान करता है। रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रेकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशो में अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते है, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं। चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि रक्तदाता से एक बार में 300 से 400 मि0ली0 रक्त लिया जाता है जो शरीर में उपलब्ध रक्त का लगभग 15 वां भाग होता है। शरीर में रक्तदान के तत्काल बाद दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है तथा लगभग 24 घण्टे में दान किये गये रक्त की प्रतिपूर्ति हो जाती है।
दिल की सेहत में सुधार रक्तदान करना आपके दिल की सेहत को सुधार सकता है और दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है, माना जाता है कि खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के खतरे को बढ़ा सकती है। नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है, जो दिल की सेहत के लिए अच्छा है।