गाजीपुर 21 जून, 2022 (सू.वि)। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में 21.06.2022 को जनपद न्यायालय गाजीपुर के प्रांगण में प्रातः 05ः30 बजे “अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस” का उद्घाटन रिबन काटकर चन्द्र प्रकाश तिवारी, प्रभारी जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 पी0ए0 एक्ट) द्वारा किया गया।
इस अवसर पर कामायनी दूबे, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शाम्भवी न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रत्यूष प्रकाश अपर सिविज (जू0डि0), अभिषेक कुमार अपर सिविज (जू0डि0), एकता सिंह अपर सिविज (जू0डि0), प्रगति अपर सिविज (जू0डि0), विनायक सोमवंशी अपर सिविज (जू0डि0), पैनल अधिवक्तागण, पराविधिक स्वयं सेवकगण, समस्त तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारीगण तथा योगा टीचर सत्येन्द्र कुमार राय व मेडिटेशन प्रशिक्षक सुभाष यादव एवं मीडियाकर्मी उपस्थित हुए।
प्रभारी जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 पी0ए0 एक्ट) द्वारा बताया गया कि योग हमारी संस्कृति और जड़ों से जुड़ा हुआ है। इसलिए स्वस्थ और खुशहाल बनने के लिए योग काफी असरदार है। भारत के साथ आज पूरी दुनिया योग की ताकत को मानती है और इसलिए हर साल 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। 21 जून वर्ष का लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है।
इसी अनुक्रम में जिला कारागार में कामायनी दूबे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की उपस्थिति में प्रातः 07ः00 बजे “अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस” का उद्घाटन रिबन काटकर किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा, उप कारापाल कमल चन्द, योगा टीचर धीरज राय, सैयद सलमान हैदर, अध्यापक श्री अभय कुमार, धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव तथा बन्दी एवं कर्मचारीगण उपस्थित हुए। सचिव महोदया द्वारा बताया गया कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम ’मानवता के लिए योग ; Yoga for Humanity ‘ रखी गयी है। इस योग दिवस की थीम ’योगा फॉर ह्यूमैनिटी‘ भी कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए चुनी गयी है। क्यांेकि कोरोना महामारी ने ना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि चिंता, अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं भी दी है, जो कि इस समय मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, वही योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नही है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है। इसलिए मानवता के विकास के लिए योग का सहारा लिया जाना चाहिए। हमारी बदलती जीवन शैली में योग चेतना बनकर, हमे जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करता है। सचिव ने इस अवसर पर जनमानस से अपील की कि सभी लोग योग को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बनाये और स्वयं के साथ-साथ समाज को भी स्वस्थ और प्रगतिशील बनाये।