गहमर(गाजीपुर)। तहसील क्षेत्र में इन दिनों हरे पेड़ो की कटाई, अवैध बालू संचालन एवं व्यापक पैमाने पर शराब तस्करी को लेकर गहमर पुलिस की इन दिनों खूब किरकिरी हो रही है। और इन अवैध धंधों का सुचारू रूप से संचालित कराने में वर्षों से जमे कुछ चर्चित पुलिस कर्मी (कारखास) खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। वर्षों से थाने व चौकियों पर जमे पुलिस कर्मी क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
कोतवाली से सम्बद्ध सेवराई और बारा पुलिस चौकी पर कुछ ऐसे सिपाही है जो वर्षों से जमे हुए है। कुछ लोगो का कहना था ,कि चौकी सेवराई पर एक दीवान जो पहले 3 तीन वर्ष पड़ोसी थाने दिलदारनगर पर तैनात था ,तो अब 2 वर्ष से इस चौकी पर है। विगत 5 वर्षों से इसी क्षेत्र में तैनात सिपाही को अब गहमर थाने में खास काम करने का अवसर दिया गया है। और इस खास काम के खास करानामे से जो संदेश जनता में जा रहा है वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। वर्षों से जमे सिपाही सुचारू रूप से बालू, कोयला-डीजल, हरे पेड़ो की कटाई ,शराब तस्करी जैसे कारोबार को अपना मुनाफा वसूल कर बढ़ावा दे रहे हैं। इनके सूत्र इस कदर मजबूत हैं कि एलआइयू, विजिलेंस समेत पुलिस उच्चाधिकारियों की रडार में कभी नहीं आते। क्षेत्र के सभी अवैध धंधे इन्ही के रहमो करम से संचालित हो रहे हैं। थाने व चौकी पर कोई भी प्रभारी आए ये अपनी हनक से ये अपना बना लेते हैं। थाने के साथ साथ क्षेत्र में कारखास एक बड़ी अहमियत रखते है। आम नागरिक व अवैध कारोबारियों के अंदर जितना भय कारखासों से है उतना थाना चौकी प्रभारी से नहीं। कारखासों का मूल कार्य क्षेत्र के अवैध कारोबारियों से वसूली कर महकमे में वितरित करना होता है जिसके एवज में उन्हें अच्छी खासी आमदनी होती है। लेकिन उनके इस करानामे आमजनता में पुलिस के प्रति क्या धारणा बनती है इससे उनका कोई मतलब नही है। क्षेत्र के बुद्धजीवियों ने वर्षो से तैनात कुछ पुलिस कर्मियों की कारगुजारियों से क्षेत्र में प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना व्यक्त की है। लोगो ने पुलिस कप्तान से वर्षों से थाने चौकियों पर जमे कर्मियों के उनके कारनामो की जांच कर कारवाई की मांग की है।