जमानिया(गाजीपुर)। सैदाबाद देव पब्लिक स्कूल के प्रांगण में एक दिवसीय श्रीराम कथा मे भागवताचार्य चंद्रेश महाराज ने कहा कि बच्चे की प्रथम गुरु माता है। माता चाहे तो अपनी संतान को वीर शिवाजी,वंदा वैरागी, महाराणा प्रताप, महात्मा गांधी और अन्यान्य महापुरुषों के जैसा बना सकती है और चाहे तो कंस,रावण जैसा। यद्यपि कोई माता पिता नहीं चाहते कि उनकी संतान बुरा आचरण वाला हो लेकिन मोह ममता के अतिरेक में बचपन में की गई गलतियों को नजरंदाज करने के कारण संतान बुरे आचरण वाला बन जाता है।
यदि समयानुसार कभी दुलार करे तो आवश्यकता पड़ने कठोरता भी, ठीक उसी प्रकार जैसे कि एक कुम्हार एक अनगढ़ अरूप मिट्टी को यत्नपूर्वक कभी सम्भाल तो कभी कठोर थपकी देकर एक सुंदर पात्र की संरचना कर देता है। भगवान भी माता की तरह अपने भक्तों की सम्भाल करते हैं और यदि संसार में कोई भगवान के सदृश है तो वह हैं माता पिता और गुरु।
इस आयोजन में हरि जी वेदांती, कैलाश यादव, अशोक शर्मा और बुच्चा महाराज ने भी कथा अमृत पान कराया। कथा आयोजक पंडित शिवशंकर तिवारी ने सभी उपस्थित श्रोताओं एवं विद्वान वक्ताओं के प्रति आभार ज्ञापित किया।