ग़ाज़ीपुर (5 जुलाई 22)। वृहद वृक्षारोपण अभियान जो जनपद में 3 दिनों तक चलेगा। इसी के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह के द्वारा पौधरोपण किया गया। वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद पर हर्बल गार्डन बनाने के कदम में आयुर्वेदिक पौधे चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय के द्वारा लगाया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद के अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि हर्बल गार्डेन का विस्तार किया गया है जिसमे तुलसी, एलोवेरा, पुदीना, गिलोय, मेरीगोल्ड,मोरपंखी, इत्यादि पौधो को लगाया गया है। पौधो को अपने आंगन में जगह देने से होने वाले बिमारियों से निजात पा सकते। गर्मी एवं बरसात मे मच्छरो का आंतक बढ जाता है। आमतौर पर मचछरो से छुटकारा पाने के लिऐ लोग बाजार मे मिलने वाले प्रोडक्ट्स पर निर्भर रहते है। इन प्रोडक्ट्स मे तरह तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते है। इसकी बजाय मच्छरों से निजात पाने के लिऐ हर्बल गार्डन के तहत आयुर्वेदिक पौधे का सहारा ले सकते है। जो हमारे घर एवं प्रकृति को खुबसूरत करता है। जैसे लेमन ग्रास , गेदा,लैवेंडर, लहसुन का पौधा ऐसे है जो हमे आसानी से प्राप्त होता है।इसी के तहत 200 पौधो को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद के अंतर्गत लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर मे लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हुऐ है। खुद को स्वास्थ्य रखने के लिऐ लोगो मे आयुर्वेदिक औषधि सेवन का प्रचलन बढा।जिसको लेकर अब आमजन भी घरो मे आसानी से हर्बल गार्डन का निर्माण कर सकते है। उन्होंने बताया की कंटेनरो मे जडी बूटियों को उगाना आसान होता है। बस इन्हें थोडी धूप, पानी ,अच्छी मिट्टी और उवर्रक की जरुरत होती है। जडी बूटियों को अच्छी तरह से विकसित होने के लिऐ 6-8 घंटे धूप की जरुरत होती है। जडी बूटी दो प्रकार की होती है जिसमे एक पाक जडी बूटि जिसे हम खाने को स्वादिष्ट बनाने मे मसाले के तौर पर इस्तेमाल करते है जिसमे अजवाइन, तुलसी, सीताफल, लेमनग्रास और अदरक आदि शामिल है। औषधीय जडी बूटियां जैसे केमोमाइल, केलेंडुला और इचिनेशिया इत्यादि चाय, टिचर, और लोशन मे मिलाया जाता है। इसमेँ सही पौधो का चयन करना लगाने मे थोडी सी सावधीनियो के साथ इसका उपयोग एवं रखरखाव बहुत ही आसानी से अपने बालकनी एवं खिडकियों के पास लगाया जा सकता है। हमारे घरो मे तुलसी का पौधा लगा होता है जिसे हम औषधि एवं धर्म से जोडते हुऐ इसकी पुजा एवं औषधि के रूप मे भी इसतेमाल करते है। लहसुन एवं अदरख इन दोनो का इसतेमाल हम आसानी से अपने खानो मे एवं पेय पदार्थों मे नियमित रूप से टेस्ट एवं औषधि दोनो के रूप मे इस्तेमाल करते है। इन सभी कि उपलब्धता सुलभ है एवं इनको आसनी से गमलो मे भी लगाया जा सकता है। जिसे हम आँगन की बगिया का नाम भी देते।
इस मौके पर बीपीएम संजीव कुमार, गुजंन राय, प्रशांत, कृष्ण कुमार सिंह हुआ अन्य लोग मौजूद रहे।