ग़ाज़ीपुर,19 अगस्त 22। साल 2012 में जब 108 एंबुलेंस की सेवा आरंभ की गई थी तब किसी को यह उम्मीद नहीं थी की सेवा जन लोकप्रिय हो जाएगी। जैसा कि मौजूदा समय में देखा जा रहा है कि 108 एंबुलेंस खासकर ग्रामीण इलाकों के लिए संजीवनी बनाने का काम कर रही है। और लोगों को भारी भरकम खर्च बचाने में भी मदद कर रही है। ऐसा ही देखने को मिला 17 अगस्त को जब एकावस पट्टी भीतरी से प्रसव पीड़ित गर्भवती के लिए फोन कॉल आया। जिसके बाद पायलट ईमटी बताए गए लोकेशन पर पहुंचे। स्वास्थ्य केंद्र के लिए लेकर चले लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने की वजह से रास्ते में एंबुलेंस के अंदर ही प्रसव कराना पड़ा।
102 और 108 एंबुलेंस के ब्लॉक प्रभारी मोहम्मद फरीद ने बताया कि बैजू लाल चौहान के द्वारा 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया था। बताया गया था कि उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा है जिसके लिए एंबुलेंस की जरूरत है। जिसके बाद पायलट अभिषेक कुमार और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन सोनू कुमार विश्वकर्मा बताए गए लोकेशन पर पहुंचे। जहां से गर्भवती रंजीता चौहान को लेकर स्वास्थ्य केंद्र के लिए चल दिए। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पूर्व ही प्रसव पीड़ा बढ़ गया जिसके बाद एंबुलेंस को सड़क के किनारे लगाया गया। परिजन और ईएमटी के सहयोग से एंबुलेंस के अंदर सुरक्षित प्रसव कराया गया। इसके पश्चात जच्चा और बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैदपुर लाया गया जहां पर डाक्टरों ने जच्चा और बच्चा को स्वस्थ बताया।