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हरतालिका तीज पर्व पर गंगा-स्नान में बरते सतर्कता

गाजीपुर। हरतालिका तीज 30 अगस्त मंगलवार को रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हर साल हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। हरतालिका व्रत को सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है। वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती है। इस व्रत में व्रती महिलाएं अन्न जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। कहते हैं इस कठिन व्रत से देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त किया था। इसलिए इस व्रत में शिव पर्वती की पूजा का अपना विशेष महत्व है।
हरतालिका तीज का महत्व
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंवारी कन्याएं इस व्रत को मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती है। मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए बहुत तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

हरतालिका तीज पर्व पर गंगा में बाढ़ को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। इस दिन निर्जला व्रत रहने वाली महिलाएं तीन बार गंगा स्नान करती हैं। पहले दिन सुबह-शाम और दूसरे दिन व्रत-पारण के पहले स्नान किया जाता है। जबकि बाढ़ की वजह से घाटों की स्थिति खतरनाक हो गई है।

गंगा में इन दिनों चिकनी मिट्टी खूब जम गई है। जिसमें पैर भी फंसता है। बाढ़ के दिनों में चिकनी मिट्टी में फंस कर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। अतः गंगा-घाट पर लोटे से ही स्नान करना चाहिए। जिन स्थानों पर कोई नदी नहीं है वहां भी तीज व्रत का पर्व उत्साह से तो होता ही है।