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बाढ़ की विभीषिका से ग्रामीणों की बढ़ी धुक धुकी

जमानियां(गाजीपुर)। गंगा में आई बाढ़ ने तटवर्ती गांवों समेत गंगा के दियारा में झोपड़ी डाल कर मवेशियों संग रह रहे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दिया है। जैसे-जैसे पानी बढ़ रहा है। वैसे-वैसे ग्रामीणों की धुक-धुकी बढ़ गई है।

गंगा के बीचोबीच चारो तरफ से पानी से घिरे देवरिया बाड़ में पानी घुसने ने 200 लोग अपने 5 हजार मवेशियों के साथ फंसे हुए हैं। प्रशासन द्वारा लाऊडस्पीकर से लोगों को बाढ़ के खतरे से आगाह किया गया था। लेकिन अपने आशियाना को बचाने के मोह में सैकड़ों लोग बाड़ में ही हैं। हालांकि पानी के तेज बढ़ाव को देख लोग नाव के सहारे सुरक्षित स्थान की तरफ जा रहे हैं। देवरिया स्थित पुलिस चौकी पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। चौकी परिसर में 3 फीट ऊंचाई तक बाढ़ का पानी भरा है। पुलिस चौकी के आगे बाड़ में स्थित देवरिया राजभर बस्ती का मुख्य रास्ते व गांव से संपर्क टूट गया है। पास स्थित सामुदायिक शौचालय में भी बाढ़ का पानी भरा है। इसके अलावा नगर के हरपुर से लगायत ताजपुर, कालपुर, मथारा, ताजपुर, चितावन पट्टी, मंझरिया, मतसा, रघुनाथपुर, सबलपुर, देवरिया, बैरनपुर, मलसा, घाटमपुर, गरुआ, मकसूदपुर, डुहिया, मेदनीपुर, ताड़ीघाट आदि तटवर्ती गांवों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। इससे सब्जी व पशुओं के चारा वाले खेत में पानी भर गया है।

सोमवार को शाम चार बजे तक गंगा का जल स्तर स्थिर बना हुआ है तथा जलस्तर 64.300 मीटर हो गया है जबकि वर्ष 2021 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.680 मीटर था तथा वर्ष 2019 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर था। बाढ़ की स्थिति का मापदंड पर ध्यान दे तो गंगा का सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर व निम्न स्तर (चेतावनी बिंदु) 61.550 मीटर तथा मध्य स्तर (खतरा बिंदु) 63.105 मीटर और बाढ़ का उच्च स्तर 65.220 मीटर है।