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तिरंगे में लिपटा सेना के जवान का पार्थिव शरीर गाँव आते ही अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब

जमानियाँ (गाजीपुर)। असम के शिलांग में सेना के 15 वीं‌ असम रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत संतोष मौर्या (45) का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर बुधवार की दोपहर वाराणसी से 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के जवानों द्वारा वाहन से सडक मार्ग होते हुए उनके पैतृक गाँव बहादुरपुर पहुंचा तो परिजनों सहित पूरे क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया तथा अंतिम दर्शन करने के लिए हुजुम उमड पड़ा।

ग्रामीणों के अनुसार हवलदार संतोष मौर्या ड्यूटी के दौरान लंच के समय अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पडे जिससे उन्हें आर्मी के अस्पताल में ले जाया गया जहाँ बीते रविवार को उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु की सूचना मिलते ही पत्नी मंजू देवी, मां भूरिया सहित अन्य परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल था। मृत जवान का एक पुत्र नवीन और दो पुत्रियां क्रमशः नेहा और प्रिया है।
घटना की सूचना मिलते ही
जवान को श्रद्धांजलि देने वाले का तांता लग गया। वाराणसी 39 जीटीसी के सेंटर कमांडर ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला ने जवानों के साथ पार्थिव शरीर को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रदांजलि दी तथा नम आँखो से जवान को अंतिम विदाई दी गई। अंतिम स्ंस्कार नगर स्थित बलुआ गंगा घाट पर पूरे सै‌निक‌ सम्मान के साथ किया गया। पुत्र नवीन मौर्या ने मुखाग्नि दी। मृत जवान के पिता अयोध्या सिंह ने बताया कि उनके तीन पुत्रों में संतोष सबसे बडे थे। बताया कि उनके पुत्र के यूनिट के अधिकारियों ने बीते 11 सितंम्बर की शाम उन्हें सूचना दिया।
इस दौरान जमानियां विधायक ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह, राजेश कुशवाहा, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष कुशवाह, अनिल यादव, रजनीकान्त यादव सहित सैकड़ों गणमान्य व प्रशासन के लोगों ने श्रदांजलि दी।